नई दिल्ली: आतंकियों के खिलाफ चलाये जा रहे हर ऑपरेशन (Every Operation) में बखूबी अपनी जिम्मेदारियां निभाने वाले वायु सेना के गरुड़ कमांडोज को देश की शान कहा जाता है।
वायु सेना (Air Force) के Special Forces के और गरुड़ कमांडोज तैयार किए गए हैं, जिन्होंने हाल ही में अपना प्रशिक्षण पूरा किया है। इन गरुड़ कमांडोज की गरुड़ रेजिमेंटल प्रशिक्षण केंद्र में मरून बेरेट सेरेमोनियल परेड हुई, जिसमें कमांडोज ने हैरतअंगेज कौशल का प्रदर्शन किया।
Air Force विशेष बल ‘गरुड़’ कमांडो के Training के सफल समापन के अवसर पर एयर फोर्स स्टेशन चांदीनगर (Air Force Station Chandinagar) के गरुड़ रेजिमेंटल प्रशिक्षण केन्द्र (GRTC) में मरून बेरेट औपचारिक परेड हुई। वायु सेना मुख्यालय (Air Headquarters) के सहायक प्रमुख एयर स्टाफ ऑपरेशंस (अफेन्सिव) एयर वाइस मार्शल राकेश सिन्हा ने मुख्य अतिथि के तौर पर परेड की समीक्षा की। गरुड़ रेजिमेंटल प्रशिक्षण केन्द्र (Garuda Regimental Training Centre) के कमांडेंट विंग कमांडर त्रिलोक शर्मा ने मुख्य अतिथि की अगवानी की।
कौशल के प्रशिक्षण और सम्मान के महत्व पर जोर
मुख्य अतिथि एयर वाइस मार्शल ने गरुड़ रेजिमेंटल प्रशिक्षण केन्द्र (Garuda Regimental Training Centre) से सफलतापूर्वक पास होने वाले गरुड़ कमांडो को बधाई दी।
युवा कमांडो (Young Commando) को संबोधित करते हुए उन्होंने बदलते हुए सुरक्षा परिदृश्य के साथ तालमेल रखने के लिए विशेष बलों के कौशल के प्रशिक्षण और सम्मान के महत्व पर जोर दिया।
अपने संबोधन में मुख्य अतिथि (Chief Guest)) ने प्रशिक्षुओं के लिए उच्च स्तर की व्यावसायिकता बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने Training देने वाले कर्मचारियों को उनकी कड़ी मेहनत के लिए बधाई दी और उन्हें अपना उच्च स्तर बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित किया।
विभिन्न कौशलों का किया प्रदर्शन
एयर वाइस मार्शल (Air Vice Marshal) ने सफल गरुड़ प्रशिक्षुओं (Garuda Trainees) को मरून बेरेट, गरुड़ प्रवीणता बैज और विशेष बल Tab प्रदान किए और पास होने वाले मेधावी प्रशिक्षुओं को ट्राफियां प्रदान कीं। एलएसी जोंधले एस. बालासाहेब को सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडर ट्रॉफी (Best All-Rounder Trophy) प्रदान की गई।
इस समारोह के एक हिस्से के रूप में गरुड़ कमांडोज ने लड़ाकू फायरिंग कौशल, बंधकों को मुक्त कराने, फायरिंग ड्रिल, आक्रमण विस्फोटक, बाधा क्रॉसिंग ड्रिल, दीवार पर चढ़ने, फिसलने, रैपलिंग और सैन्य मार्शल आर्ट्स जैसे विभिन्न कौशलों का प्रदर्शन किया।
कमांडोज के लिए गर्व और उपलब्धि का पल
मरून बेरेट औपचारिक परेड पास होने वाले युवा गरुड़ के लिए गर्व और उपलब्धि का विशिष्ट क्षण होता है। कठिन प्रशिक्षण की समाप्ति के बाद यह परेड इन कमांडोज के विशेष बल में परिवर्तन होने तथा देश की सेवा करने के लिए कुलीन बल में शामिल होने का प्रतीक है।
मरून बेरेट सेरिमोनियल परेड गरुड़ कमांडोज (Maroon Beret Ceremonial Parade Garud Commandos) के लिए गर्व और उपलब्धि का एक पल रहा जो युवा स्पेशल फोर्सेज ऑपेरेटर्स के रूप में उनके प्रशिक्षण की परिणति का द्योतक है।
कैसे तैयार होते हैं गरुड़ कमांडोज
गरुड़ कमांडोज को करीब दो साल की कड़ी Training दी जाती है। विशेष फोर्स के लिए ट्रेनिंग (Training) के लिए उनकी सीधी भर्ती की जाती है। साथ ही एक बार गरुड़ फोर्स (Garuda Force) में शामिल होने के बाद कमांडो अपने शेष करियर के दौरान यूनिट के साथ ही रहते हैं, ताकि Unit के पास लंबे समय तक बेहतरीन जवान रहें।
Garud Commando में भर्ती होना कोई आसान काम नहीं है। इसके लिए सभी रंगरूटों को कठिन शारीरिक और मानसिक प्रशिक्षण से गुजरना पड़ता है। इसका उद्देश्य भावी जवानों के हर परिस्थिति का मुकाबला करने के योग्य बनाना होता है।