नई दिल्ली: केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने राष्ट्रीय सहकारिता नीति दस्तावेज का प्रारूप तैयार करने के लिए मंगलवार को एक राष्ट्रीय समिति के गठन की घोषणा की है।
सहकारिता मंत्रालय (Ministry of Cooperation) ने आज एक प्रेस विज्ञप्ति (Press Release) जारी कर यह जानकारी दी कि पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभु की अध्यक्षता में यह समिति गठित की गई।
इस समिति में देश के सभी हिस्सों से 47 सदस्यों को शामिल किया गया है। समिति में सहकारी क्षेत्र के विशेषज्ञ, राष्ट्रीय/राज्य/जिला व प्राथमिक सहकारी समितियों के प्रतिनिधि, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के सचिव (Cooperative) और सहकारी समितियों के पंजीयक व केन्द्रीय मंत्रालयों/विभागों के अधिकारी शामिल हैं।
सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से वर्ष 2002 में लागू की गई थी
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने हाल ही में घोषणा की थी कि प्राथमिक कृषि सहकारी ऋण समितियां (Packs) से ऊपर की सहकारी संस्थाओं के लिए एक समग्र दृष्टिकोण बनाने के लिए जल्द ही एक राष्ट्रीय सहकारिता नीति (National Cooperative Policy) तैयार की जाएगी।
मौजूदा राष्ट्रीय सहकारिता नीति, सहकारी समितियों के चहुंमुखी विकास और उन्हें आवश्यक सहयोग देने, प्रोत्साहित करने और सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से वर्ष 2002 में लागू की गई थी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सहकारी समितियां एक स्वायत्त, आत्मनिर्भर और लोकतांत्रिक रूप से प्रबंधित संस्थाओं के तौर पर कार्य कर सकें जो अपने सदस्यों के प्रति उत्तरदायी हों और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान कर सकें।
उल्लेखनीय है कि भारत में लगभग 8.5 लाख सहकारी समितियां हैं जो करीब 29 करोड़ सदस्यों के साथ पूरे देशभर में फैली हैं। ये सहकारी समितियां कृषि प्रसंस्करण, डेयरी, मत्स्यपालन, आवासन, बुनाई, ऋण और विपणन समेत विविध कार्यकलापों में सक्रिय हैं। नई राष्ट्रीय सहकारिता नीति दस्तावेज का निर्माण नए सहकारिता मंत्रालय को दिए गए अध्यादेश को पूरा करने की दृष्टि से किया जा रहा है। जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ, ‘सहकार से समृद्धि’ की परिकल्पना साकार हो सके।