रांची: झारखंड विधानसभा स्पीकर रवींद्रनाथ महतो की ओर से दल-बदल मामले में सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर कर झारखंड हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी गयी है।
दरअसल, झारखंड हाई कोर्ट ने विधायक बाबूलाल मरांडी के खिलाफ दल-बदल मामले में स्पीकर के न्यायाधिकरण में हो रही सुनवाई पर 13 जनवरी तक रोक लगा दी है।
मरांडी की ओर से हाई कोर्ट में स्पीकर के नोटिस को चुनौती दी गयी थी, जिस पर अदालत ने पिछले दिनों मामले की सुनवाई करते हुए स्पीकर के ट्रिब्यूनल में चल रहे मामले की सुनवाई पर 13 जनवरी तक रोक लगा दी थी।
बाबूलाल मरांडी की ओर से हाई कोर्ट में यह तर्क दिया गया है कि विधानसभा स्पीकर दल-बदल मामले 10वीं अनुसूची में स्वतः संज्ञान लेकर नोटिस जारी करने का अधिकार नहीं रखते हैं।
हालांकि विधानसभा की तरफ से महाधिवक्ता राजीव रंजन ने अपनी पक्ष रखते हुए कहा था कि दल-बदल के इस मामले में विधानसभा स्पीकर द्वारा लिया गया संज्ञान संवैधानिक है।
उन्होंने इस दौरान यह भी कहा था कि आर्टिकल 226 के तहत जब तक विधानसभा के न्यायाधिकरण में यह मामला लंबित है, अदालत को इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।
इधर, विधानसभा स्पीक रवींद्र नाथ महतो ने विधायक भूषण तिर्की के आवेदन पर 10वीं अनुसूची के तहत बाबूलाल मरांडी को एक बार फिर बीते 17 दिसम्बर को नोटिस जारी किया था।
नोटिस में बाबूलाल मरांडी से दोबारा यह पूछा गया है कि क्यों न आपके खिलाफ दलबदल कानून के तहत कार्रवाई की जाए।
इसके पहले स्पीकर की ओर से स्वतः संज्ञान लेते हुए बाबूलाल को नोटिस जारी किया गया था।