रांची: मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) के अंतर्गत नियुक्त लोकपालों के लिए तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला (Three day training workshop) का आयोजन बुधवार को ग्रामीण विकास संस्थान (सर्ड) में हुआ।
मौके पर मनरेगा आयुक्त राजेश्वरी बी (MNREGA Commissioner Rajeshwari B) ने कहा कि लोकपाल का पद, पद न होकर एक संस्था है, जहां आपको नियम एवं कानून के अनुसार शिकायतों का निराकरण करना है।
उन्होंने कहा कि लोकपाल की निष्पक्षता ही उसे संस्था का रूप देती है। सभी लोकपालों को अपने दायित्वों का निर्वहन करना है, जिसके लिए MNREGA के हर पहलु को समझने के साथ ही लोकपाल की भूमिका की भी गहन जानकारी जरूरी है।
मनरेगा और लोकपाल निर्देशिका की बारीकियों को समझने में मिलेगी मदद
मनरेगा आयुक्त ने बताया कि नवनियुक्त लोकपालों को MNREGA के प्रावधानों एवं श्रमिक हितग्राही के अधिकार, लोकपाल के कार्य एवं दायित्व, MNREGA के तहत शिकायत निवारण के लिए मानक संचालन प्रक्रिया , सोशल ऑडिट, सूचना का अधिकार अधिनियम, लोकपाल कार्यालय में शिकायत रजिस्ट्रेशन एवं निवारण तथा सामाजिक न्याय एवं प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों की जानकारी दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि यह कार्यशाला मनरेगा और लोकपाल निर्देशिका की बारीकियों को समझने में प्रतिभागियों के लिए काफी मददगार होगी।
रोल मॉडल बनें लोकपाल
राजेश्वरी B ने सभी लोकपालों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि वे अपने उत्कृष्ट दायित्व निर्वहन से रोल मॉडल बनें।
धैर्यपूर्वक एक जज की तरह समस्या या शिकायतों को सुनें, परखें और निर्णय लें। जरूरत समझने पर सजा का भी अनुमोदन करें। उन्होंने लोकपालों से अधिक से अधिक Field Visit करने को कहा।
समाधान के लिए समस्या की जड़ तक पहुंचना जरूरी : संयुक्त सचिव
ग्रामीण विकास विभाग (Rural Development Department) के संयुक्त सचिव अरुण कुमार सिंह ने कहा कि विभाग का लक्ष्य है कि योजनाओं का क्रियान्वयन पारदर्शी तरीके से संपन्न हो और लाभुकों तक Government की योजनाओं का लाभ पहुंचे।
मनरेगा से संबंधित जितनी भी शिकायतें प्राप्त हों, उनका त्वरित निष्पादन संबंधित जिले के लोकपाल करें। योजनाओं का स्थल निरीक्षण करने को कहा, ताकि कार्य में हमेशा पारदर्शिता बनी रहे।
इस मौके पर मास्टर ट्रेनर ठाकुर गौरी शंकर, मुकेश कुमार, उप निदेशक अनुपम भारती, सहायक निदेशक अनिल यादव एवं अन्य पदाधिकारीगण मौजूद थे।