रांची: राज्यपाल रमेश बैस (Governor Ramesh Bais) दिल्ली में एक सप्ताह प्रवास के बाद गुरुवार को रांची लौट आये हैं। राज्यपाल (Governor) के रांची (Ranchi) लौटने से एक बार फिर राज्य में राजनीतिक सरगर्मी फिर से तेज हो गयी है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Chief Minister Hemant Soren) से जुड़े ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में चुनाव आयोग की रिपोर्ट पर राज्यपाल की ओर से अनुशंसा भेजने में हो रहे विलंब को लेकर सत्ताधारी दल लगातार सवाल खड़े कर रहे हैं।
सियासी हलचल के बीच 1 सितंबर को UPA का प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से मिला था। प्रतिनिधिमंडल को राज्यपाल ने आश्वासन दिया था कि एक-दो दिन में मामले का पटाक्षेप हो जायेगा।
5 सितंबर को हेमंत सरकार ने खुद से अपना विश्वासमत हासिल किया
इसी बीच राज्य की हेमंत सरकार (Hemant Government) ने 1 सितंबर को कैबिनेट की बैठक में 5 सितंबर को सदन का एक दिवसीय सत्र आहूत कर दिया। ऐसी संभावना थी कि 5 के पहले ही Governor कुछ खुलासा करेंगे। मगर अचानक राज्यपाल 2 सितंबर को दिल्ली चले गये। 5 सितंबर को हेमंत सरकार ने खुद से अपना विश्वासमत हासिल किया।
अब चूंकि राज्यपाल Ranchi पहुंच चुके हैं, ऐसे में फिर से राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गयी है। माइनिंग लीज मामले में इलेक्शन कमीशन ने हेमंत सोरेन की सदस्यता पर अपना मंतव्य राज्यपाल को भेजा है, जिस पर निर्णय लेना राज्यपाल का काम है।
CM हेमंत सोरेन से जुड़े ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में चुनाव आयोग की रिपोर्ट आने के बाद से सबकी निगाहें Raj Bhawan पर टिकी हुई हैं। संभावना यह जतायी जा रही है कि पिछले कई दिनों से जारी यह सियासी संकट जल्द ही समाप्त हो जायेगा।