हजारीबाग: जिले के चौपारण प्रखंड (Chauparan Block) के चैथी ग्राम पंचायत में एक बछड़े (Calf) का मालिक के प्रति अनोखा प्रेम (Unique Love) देखने को मिला। वह मालिक की अंतिम संस्कार में न सिर्फ शामिल हुआ, बल्कि सभी रस्मों को भी बखूबी निभाया।
बताया गया है कि चैथी निवासी मेवा लाल ठाकुर के अंतिम संस्कार (Funeral) के लिए निकली शव यात्रा में गाय का बछड़ा (Calf) भी शामिल हो गया।
श्मशान घाट पहुंचने पर बछड़ा शव के चारों ओर घूमने लगा। सबको लगा कि कोई आवारा जानवर है। लोग उसे मार-मारकर भगाने लगे लेकिन लाठी की मार खाने के बाद भी बछड़ा शव से अलग नहीं हुआ।
इस बीच पता चला कि मेवालाल का ही बछड़ा है, जिसे उसने तंगहाली (Scarcity) में कुछ दिन पहले ही पपरो में किसी को बेच (Sold) दिया था।
जब तक चिता जलती रही वह डटा रहा
इस दौरान वह मालिक का चेहरा देखने के लिए बेचैन हो उठा। ये दृश्य देखकर लोगों ने मृतक (Deceased) का चेहरा खोल दिया। मालिक का चेहरा देखते ही बछड़ा जोर-जोर से चिल्लाने लगा।
वह मुखाग्नि (Fire) के वक्त खड़ा रहा, लकड़ी भी दी और मनुष्यों के साथ चिता का पंचफेरी भी लगाया। जब तक चिता जलती रही वह डटा रहा।
उसके आंखों से आंसू बहती रही। ये मार्मिक दृश्य देखकर सब भावुक हो गए। बताया जाता है कि निःसंतान (Childless ) मेवालाल ने इस बछड़े को बेटे (Son) की तरह पाल-पोस कर बड़ा किया था।