रांची: पिठौरिया (pithoria) स्थित प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय (Prajapita Brahma Kumaris Ishwariya University) में बुधवार को श्री राम कथा (Shri Ram Katha) का शुभारंभ हुआ।
कथा वाचिका अमृतमयी वाणी बाल-ब्रह्मचारिणी राजयोगिनी तपस्वनी ब्रह्माकुमारी प्रभा दीदी ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि श्रीरामचरित्र मानस का मुख्य सारांश यही है कि हमें प्रभु श्री राम की तरह मर्यादित होकर अपने जीवन के उत्तरदायित्व को निभाना होगा।
श्री राम कथा आदर्श पथ पर चलने की प्रेरणा देती है
उन्होंने कहा की आज पाश्चात्य संस्कृति के बढ़ते प्रचलन के कारण जिस प्रकार से भारतीय संस्कृति (Indian Tradition) के मूल्यों पर प्रहार हो रहा है, उसी के परिणामस्वरूप आज हमारी युवा पीढ़ी तेजी से भ्रमित हो रही है।
ऐसे में यदि भारतीय संस्कृति वेदों, पुराणों, ग्रंथों में बताए प्रेरणा प्रसंगों का प्रसार नहीं किया गया, तो भविष्य में इसके गंभीर परिणाम हमारी भावी पीढ़ी को भुगतने पड़ेंगे।
उन्होंने कहा कि विद्वान बनना आसान है, लेकिन इंसान बनना कठिन है। श्री राम कथा आदर्श पथ पर चलने की प्रेरणा देती है।
श्री राम का चरित्र जहां एक ओर पारिवारिक रिश्तों की अहमियत को दर्शाता है। वहीं दूसरी ओर जाति पाती के भेदभाव को मिटाकर मानव मात्र में सौहार्द की भावना जगाता है।
मौके पर बी.के राजमति ने बताया कि श्री राम कथा का समापन 20 सितंबर मंगलवार को होगा। प्रतिदिन दोपहर 12 बजे से तीन बजे तक कथा होगी। इसके बाद रोजाना आरती और प्रसाद का वितरण किया जाएगा।