मुंबई: महाराष्ट्र के 25 जिलों में लम्पी रोग से 126 मवेशियों की मौत हो चुकी है। पशुपालन मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल(Radha Krishna Vikhe patil) ने बताया कि Lumpy Virus ग्रस्त मवेशियों का टीकाकरण किया जा रहा है।
साथ ही इस रोग से ग्रस्त जानवरों को अलग रखने की व्यवस्था की जा रही है, जिससे Lumpy Virus का प्रसार रोका जा सके।
पशुपालन अधिकारी सचिंद्र प्रताप सिंह (Animal husbandry officer Sachindra Pratap Singh)के अनुसार जलगांव जिले में 47(jalgaon 47),अहमदनगर जिले में 21(Ahmednagar 21), धुले में 2(Dhule2), अकोला में 18(Akola18), पुणे में 14(pune 14), लातूर में दो(Latur2), सतारा में छह(Satara6), बुलढाणा में पांच(Buldana5), अमरावती में सात(Amravati 7), सांगली में एक(Sangli1) मवेशी की मौत हुई है।
लम्पी रोग को गांठदार त्वचा रोग (LSD) भी कहा जाता है, जो पूरे महाराष्ट्र राज्य में तेजी से फैल रहा है। यह गोवंश का एक त्वचीय वायरल रोग है। यह रोग न तो जानवरों से जानवरों में और न ही मवेशी के दूध से मनुष्यों में संक्रमण फैलता है।
उन्होंने बताया कि हालांकि यह बीमारी फैल रही है, लेकिन इसका प्रसार गायों और बैलों तक सीमित है और यह आनुवंशिक बीमारी नहीं है।
मक्खियों, मच्छरों आदि से भी फैल रही है यह बीमारी
इस बीमारी के इलाज में आवश्यक दवाओं की खरीद के लिए DPC के माध्यम से प्रत्येक जिले को एक करोड़ रुपये(1crore) की राशि उपलब्ध कराई गई है।
महाराष्ट्र एनिमल एंड फिशरीज साइंसेज यूनिवर्सिटी (MAFSU) के टीके लगाने वालों और प्रशिक्षुओं को प्रति टीकाकरण 3 रुपये का मानदेय भी दिए जाने का निर्णय लिया गया है।
उन्होंने सभी किसानों से अपील की कि वे अपने प्रभावित मवेशियों को मुफ्त इलाज के लिए नजदीकी सरकारी पशु चिकित्सा औषधालयों तक ले जाएं और इसकी जानकारी पशुधन विकास अधिकारियों को दें।
ग्राम पंचायतों को कीटनाशकों (Pesticides) का छिड़काव करने की सलाह दी गई है क्योंकि यह बीमारी मक्खियों, मच्छरों आदि से भी फैल रही है।