नई दिल्ली: देश के प्रमुख कारोबारी मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज ने सोमवार को कहा कि वह न तो किसानों से खाद्यान्नों की सीधी खरीद करती है और न ही वह अनुबंध पर खेती के व्यवसाय में है।
कंपनी ने यह स्पष्टीकरण ऐसे समय में दिया है, जब वह देश में जारी किसान आंदोलन में निशाने पर है।
प्रदर्शनकारी किसान रिलायंस इंडस्ट्रीज को नए कृषि कानूनों का लाभार्थी मान उसका विरोध कर रहे हैं।
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने कहा कि उसकी अनुषंगी रिलायंस जियो इंफोकॉम ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर असामाजिक तत्वों के द्वारा तोड़-फोड़ (टावरों के साथ) की अवैधानिक गतिविधियों पर पूरी तरह से रोक लगाने के लिये सरकारी प्राधिकरणों के तत्काल दखल की मांग की है।
कंपनी ने कहा कि देश में अभी जिन तीन कृषि कानूनों को लेकर बहस चल रही है, उनके साथ उसका कोई लेना-देना नहीं है।
कंपनी ने यह भी कहा कि उसे इन कानूनों से किसी तरह का कोई फायदा नहीं हो रहा है।
रिलायंस का नाम इन तीन कानूनों के साथ जोड़ना सिर्फ और सिर्फ हमारे कारोबार को नुकसान पहुंचाने और हमें बदनाम करने का कुप्रयास है।