भावनगर/नई दिल्ली: PM Narendra Modi ने आजादी के बाद के दशकों में तटीय विकास की अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले दो दशकों में हमने गुजरात (Gujarat) की तटीय रेखा (Coast Line) को भारत की समृद्धि का द्वार बनाने के लिए ईमानदारी से प्रयास किया।
आज गुजरात की तटीय रेखा देश के आयात-निर्यात (Import Export) में बड़ी भूमिका निभा रही है।
यह परियोजनाएं भावनगर की पहचान को सशक्त करेगी
प्रधानमंत्री मोदी गुजरात के भावनगर (Bhavnagar) में 5200 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन (Inauguration) और शिलान्यास करने के बाद जनसभा को संबोधित कर रहे थे।
मोदी ने कहा कि भावनगर में शुरू हो रही परियोजनाओं (Projects) से अर्थव्यवस्था (Economy) को काफी बढ़ावा मिलेगा साथ ही क्षेत्र के किसानों को लाभ होगा।
उन्होंने कहा कि ये परियोजनाएं भावनगर की पहचान को और सशक्त करेंगी और आत्मनिर्भर भारत अभियान को और मजबूती देंगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि क्षेत्रीय विज्ञान केंद्र (Regional Science Center) के बनने से शिक्षा और संस्कृति के शहर के रूप में भावनगर की पहचान और समृद्ध होगी।
इन सभी परियोजानाओं के लिए आप सभी को बहुत-बहुत बधाई।
विशाल तटीय लाइन लोगों के लिए बड़ी चुनौती
प्रधानमंत्री ने कहा कि भावनगर समुद्र के किनारे बसा जिला है। गुजरात के पास देश की सबसे लंबी तटीय रेखा है।
लेकिन आजादी के बाद के दशकों में तटीय विकास पर उतना ध्यान ना दिए जाने की वजह से, ये विशाल तटीय लाइन एक तरह से लोगों के लिए बड़ी चुनौती बन गई थी।
समुद्र के किनारे बसे गांव के गांव खाली हो गए थे। यहां के गांवों से पलायन कर लोग सूरत जाते थे।
उन्होंने कहा कि बीते दो दशकों में गुजरात की कोस्टलाइन (Coastline) को भारत की समृद्धि का द्वार बनाने के लिए हमने ईमानदारी से प्रयास किया है।
गुजरात में हमने अनेकों पोर्ट्स विकसित किए, बहुत से पोर्ट्स का आधुनिकीकरण कराया।
आज यहां तीन बड़े तरलीकृत प्राकृतिक गैस (LNG) टर्मिनल हैं। पेट्रो कैमिकल हब हैं।
गुजरात देश का पहला राज्य था जहां एलएनजी टर्मिनल (LNG Terminal) बना था। गुजरात के तटीय क्षेत्रों में मैंग्रोव (Mangroves) के जंगलों का विकास किया है।
रोज़गार के सैकड़ों नए अवसर
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज गुजरात की कोस्ट लाइन, देश के आयात-निर्यात में बहुत बड़ी भूमिका निभाने के साथ ही लाखों लोगों को रोजगार का माध्यम भी बनी है।
आज गुजरात की कोस्टलाइन, री-न्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy) और हाईड्रोजन इकोसिस्टम (Hydrogen Ecosystem) का पर्याय बनकर उभर रही है।
उन्होंने कहा कि भावनगर का ये पोर्ट आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में बड़ी भूमिका निभाएगा और रोज़गार के सैकड़ों नए अवसर यहां बनेंगे।
यहां भंडारण, ट्रांसपोर्टेशन और लॉजिस्टिक्स से जुड़े व्यापार-कारोबार का विस्तार होगा।
सत्ता सेवा का माध्यम
विपक्षी दलों पर विज्ञापनों (Advertisement) पर कोरोड़ों रुपये खर्च करने को लेकर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे लिए, सत्ता लोगों की सेवा करने का एक साधन है।
हमने विज्ञापनों पर भारी पैसा खर्च किए बिना विकास किया है।
उन्होंने कहा कि हमने क्षेत्र की सामान्य जनता, किसानों और व्यापारियों की सेवा बिना किसी शोर-सराबे और बड़े-बड़े विज्ञापन पर पैसे खर्च किये बिना की हैं।
उन्होंने कहा कि असल में हमारी प्रेरणा और लक्ष्य कभी भी सत्ता सुख नहीं रहा है। हम तो हमेशा सत्ता को सेवा का माध्यम मानते हैं और यह हमारा सेवा यज्ञ चल रहा है।
भावनगर स्थापना के 300 वर्ष
मोदी ने कहा कि मैंने सौराष्ट्र नर्मदा अवतरण सिंचाई योजना को लागू करके सभी को गलत साबित कर दिया है, जिसे कभी चुनाव केंद्रित घोषणा कहा जाता था।
उन्होंने कहा कि हम हमेशा अपने वादों पर कायम रहते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि एक तरफ देश जहां आजादी के 75 वर्ष पूरे कर चुका है, वहीं इस साल भावनगर अपनी स्थापना के 300 वर्ष पूरे करने जा रहा है।
300 वर्षों की अपनी इस यात्रा में भावनगर ने सतत विकास की, सौराष्ट्र की सांस्कृतिक राजधानी के रूप में अपनी पहचान बनाई है।
पर्यटन को मिला बढ़ावा
प्रधानमंत्री ने कहा कि एक तरफ वैश्विक व्यापार में भारत की हिस्सेदारी बढ़ रही है और दूसरी तरफ दुनिया भी कंटेनर्स (Containers) के मामले में भरोसेमंद सप्लायर की तलाश में है।
पूरी दुनिया को लाखों कंटेनर की जरूरत है।भावनगर में बनने वाला कंटेनर आत्मनिर्भर भारत को भी ऊर्जा देंगे और यहां रोजगार के नए अवसर भी बनाएंगे।
उन्होंने कहा कि हमारे प्रयासों से इस क्षेत्र में सिर्फ आना-जना, ट्रांसपोर्टेशन (Transportation) ही नहीं, बल्कि पर्यटन (Sightseeing) को भी बढ़ावा मिला है।
अपनी समुद्री विरासत को सहेजकर, उसको पर्यटन की ताकत बनाने पर गुजरात के तटीय क्षेत्रों में अभूतपूर्व काम हो रहा है।
मोदी ने कहा कि लोथल हमारी विरासत का एक महत्वपूर्ण केंद्र रहा है, जिसको पूरी दुनिया के पर्यटन नक्शे पर लाने के लिए बहुत परिश्रम किया जा रहा है।
लोथल के साथ वेलावदर नेशनल पार्क में इको टूरिज्म से जुड़े सर्किट का लाभ भी भावनगर को होने वाला है, विशेष रूप से छोटे बिजनेस को होने वाला है।