नई दिल्ली: बाजार नियामक सेबी ने ग्राहकों की (Customers) तरफ से शेयर ब्रोकरों को दी जाने वाले पावर ऑफ अटॉर्नी (POA) का दुरुपयोग रोकने के लिए प्रतिभूतियों को गिरवी रखने से संबंधित ‘डीमैट डेबिट एंड प्लेज इंस्ट्रक्शन’ (DDPI) का दायरा बढ़ा दिया है।
शेयर ब्रोकर ग्राहकों की तरफ से दिए जाने वाले POA
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (Securities and Exchange Board of India) ने बृहस्पतिवार को जारी एक परिपत्र में कहा कि मार्जिन कमाने के मकसद से प्रतिभूतियों को गिरवी रखने और उन्हें छुड़ाने से संबंधित DDPI का दायरा बढ़ा दिया गया है।
इससे अब शेयर ब्रोकर ग्राहकों की तरफ से दिए जाने वाले POA का दुरुपयोग नहीं कर पाएंगे।
खुली बिक्री पेशकश में शेयरों की
सेबी ने कहा कि स्टॉक एक्सचेंज मंचों पर म्यूचुअल फंड का लेनदेन और खुली बिक्री पेशकश में शेयरों की बिक्री भी DDPI के दायरे में शामिल होगी।
पावर ऑफ अटॉर्नी का दुरुपयोग भी रोका
DDPI POA के लिए निहित उद्देश्य को ही पूरा करता है। इसके अलावा DDPI का दायरा बढ़ने से पावर ऑफ अटॉर्नी का दुरुपयोग भी रोका जा सकता है।
समयसीमा को दो महीने के लिए बढ़ा
SEBI की तरफ से जारी नए निर्देश 18 नवंबर से प्रभावी हो जाएंगे। जुलाई में POA की जगह DDPI लागू करने की समयसीमा को दो महीने के लिए बढ़ा दिया गया था।