पटना: बिहार के CM नीतीश कुमार ने उत्तर प्रदेश के CM Yogi Adityanath को पत्र लिखकर लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जन्मभूमि सिताब दियारा के उत्तर प्रदेश क्षेत्र के लंबित कार्यों (Pending Tasks) को शीघ्र पूर्ण किये जाने का अनुरोध किया है।
रिंग बांध तथा अन्य कटाव निरोधक कार्य प्रारंभ किया गया
CM कार्यालय द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक, नीतीश कुमार ने पत्र में यह भी लिखा (Writing a Letter) है कि ग्राम सिताब दियारा की बाढ़ से सुरक्षा के लिए घाघरा नदी की ओर से एक रिंग बांध (Ring Dam)लगभग 7.5 किलोमीटर की लंबाई में) बनाये जाने की आवश्यकता महसूस की गई है।
वर्ष 2017-18 में बिहार भू-भाग में लगभग 4 किमी एवं उत्तर प्रदेश के भू-भाग में लगभग 3.5 किमी की लंबाई में रिंग बांध (Ring Dam in length of 3.5 km) तथा अन्य कटाव निरोधक कार्य प्रारंभ किया गया।
सुरक्षात्मक कार्यो को पूर्ण कर लिया गया
वर्ष 2017-18 में बिहार सरकार द्वारा रिंग बांध (Ring Dam) एवं अन्य बाढ़ सुरक्षात्मक कार्यो को पूर्ण कर लिया गया है, लेकिन उत्तर प्रदेश क्षेत्र में कार्य लंबित है।
क्षेत्र में आवागमन में भी समस्या उत्पन्न होती है
कुमार ने अपने पत्र में कहा है कि हाजीपुर-गाजीपुर राष्ट्रीय उच्च पथ संख्या 31 से सिताब दियारा तक जाने वाली बीएसटी मुख्य बांध की लंबाई लगभग 6.50 किमी है। जिसमें लगभग 2 से 3 किमी की लंबाई में पथ के सु²ढ़ीकरण कार्य उत्तर प्रदेश राज्य के क्षेत्र में अपूर्ण है जिसके कारण इस क्षेत्र में आवागमन में भी समस्या उत्पन्न होती है।
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कार्रवाई प्रारंभ की गई
सिताब दियारा रिंग बांध (बिहार प्रभाग) के अपस्ट्रीम (लंबाई लगभग 1175 मीटर) एवं डाउनस्ट्रीम (लंबाई लगभग 2300 मीटर) को बीएसटी मुख्य बांध (बलिया उत्तर प्रदेश) से जोड़ने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कार्रवाई प्रारंभ की गई थी, लेकिन वर्तमान में कार्य अपूर्ण है जिसे शीघ्र पूर्ण किया जाना आवश्यक है।
इसके अपूर्ण रहने से वहां कटाव एवं बाढ़ का खतरा बना रहता है।
कार्यों को शीघ्र पूर्ण कराये जाने का अनुरोध
CM नीतीश कुमार ने उत्तर प्रदेश के CM योगी आदित्यनाथ से जेपी की जन्मभूमि सिताब दियारा क्षेत्र के उपरोक्त कार्यों को शीघ्र पूर्ण कराये जाने का अनुरोध किया है।
वर्षा ऋतु के दिनों में गांव की भूमि के कटाव का खतरा
CM ने पत्र में लिखा है (Writing a Letter) कि जेपी की जन्मभूमि सिताब दियारा ग्राम, जो बिहार (Bihar) एवं उत्तर प्रदेश (Uttar Pardesh) की सीमा के पास गंगा एवं घाघरा नदी के (Ghagra River) संगम पर बिहार के सारण जिला में अवस्थित है, में वर्षा ऋतु के दिनों में गांव की भूमि के कटाव का खतरा (Hazard) बना रहता था तथा विगत वर्षों में कई बार वहां कटाव की स्थिति भी उत्पन्न हुई थी।