नई दिल्ली: अब किसी का चेक बाउंस (Check Bounce) हुआ तो उसकी खैर नहीं होगी। जी हां, सरकार अब नियमों में (Goverment Rule) और सख्ती करने जा रही है।
इसके तहत यदि चेक बाउंस (Check Bounce) हुआ तो संबंधित व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही उसे कई तरह की अन्य परेशानियों से गुजरना पड़ेगा।
सरकार ऐसे मामलों से निपटने के लिए नियम लागू करने की तैयारी कर रही है। दरअसल, चेक बाउंस (Check Bounce) के मामलों से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) चेक जारी करने वाले के अन्य खातों से पैसा काटने और ऐसे मामलों में नए खाते खोलने पर रोक लगाने जैसे कई कदमों पर विचार कर रहा है।
चेक बाउंस के बढ़ते मामलों को देखते हुए मंत्रालय ने हाल में एक हाई लेवल बैठक बुलाई थी, जिसमें इस तरह के कई सुझाव प्राप्त हुए हैं।
इस तरह से बनाए गए हैं नियम
दरअसल, ऐसे मामलों से कानूनी सिस्टम पर भार बढ़ता है। इसलिए कुछ ऐसे सुझाव दिए गए हैं जिनमें कुछ कदम कानूनी प्रक्रिया से (Legal Process) पहले उठाने होंगे मसलन चेक जारी करने वाले के खाते में पर्याप्त पैसा नहीं है तो उसके अन्य खातों से राशि काट लेना।
सूत्रों ने बताया कि अन्य सुझावों में चेक बाउंस के (Check Bounce) मामले को कर्ज चूक की तरह लेना और इसकी जानकारी ऋण सूचना कंपनियों को देना शामिल है जिससे कि व्यक्ति के अंक कम किए जा सके।
उन्होंने कहा कि इन सुझावों को स्वीकार करने से पहले कानूनी राय ली जाएगी।
बाउंस होने के बाद भी चेक का भुगतान करना ही होगा
ये सुझाव अमल में आते हैं, तो भुगतानकर्ता को चेक का भुगतान (payment) करने पर मजबूर होना पड़ेगा और मामले को अदालत तक ले जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
इससे कारोबारी सुगमता बढ़ेगी तथा खाते में पर्याप्त पैसा नहीं होने के बावजूद जानते-बूझते चेक जारी करने के चलन पर भी रोक लगेगी।
अन्य खाते से राशि काटने की अन्य प्रक्रिया देखनी होगी
चेक जारी करने वाले के अन्य खाते से राशि स्वत: काटने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया और अन्य सुझावों को देखना होगा।
चेक बाउंस (Check Bounce) होने का मामला अदालत में दायर किया जा सकता है और यह एक दंडनीय अपराध है जिसमें चेक की राशि से दोगुना जुर्माना या दो वर्ष तक का कारावास या दोनों सजा हो सकती है।
उद्योग संगठन पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने हाल में
वित्त मंत्रालय से (Finance Ministry) अनुरोध किया था कि चेक बाउंस के मामले में Bank से पैसा निकलने पर कुछ दिन तक अनिवार्य रोक जैसे कदम उठाए जाएं जिससे कि चेक जारी करने वालों को जवाबदेह बनाया जा सके।
बता दें कि चेक बाउंस (Check Bounce) होने पर संबंधित व्यक्ति के उसी खाते से चार्ज के रूप में निर्धारित पैसों की कटौती होती थी।
लेकिन अब नियमों में बदलाव में बाद लोगों की परेशानी बढ़ने वाली है। हालांकि कोर्ट-कचहरी पर इसका भार न पड़े इसका भी ख्याल रखा गया है।