रांची : टाना भगतों द्वारा लातेहार सिविल कोर्ट (Latehar Civil Court) का चार घंटे तक घेराव करने और इस दौरान प्रदर्शन कर तोड़फोड़ करने के मामले में Jharkhand High Court के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की बेंच ने स्वतः संज्ञान लिया है।
इस घटना पर अदालत ने नाराजगी जाहिर करते हुए राज्य के मुख्य सचिव (CS) और DGP को तलब किया, जिसके बाद मंगलवार को मुख्य सचिव और DGP अदालत के समक्ष हाजिर हुए। कोर्ट ने दोनों ही अधिकारियों को इस मामले की विस्तृत रिपोर्ट (Detailed Report) दाखिल करने का निर्देश दिया है।
टाना भगत संघ ने लातेहार व्यवहार न्यायालय का घेराव किया था
अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि किसी कोर्ट परिसर में इतनी बड़ी घटना हो जा रही है। इसका मतलब है कि पुलिस का खुफिया तंत्र (Intelligence) फेल है।
राज्य सरकार की ओर से उपस्थित महाधिवक्ता राजीव रंजन (Rajeev Ranjan) ने कोर्ट को बताया कि सरकार ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए कोर्ट परिसर में सुरक्षा के व्यापक इंतज़ाम करने का निर्देश दिया है।
गौरतलब है टाना भगत संघ ने सोमवार को लातेहार व्यवहार न्यायालय (Latehar Civil Court) का घेराव किया था। टाना भगतों के आंदोलन को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल को न्यायालय परिसर में तैनात कर दिया गया था।
कई अधिकारी और कई आंदोलनकारी भी घायल हुए
अधिकारी टाना भगतों (Tana Bhagats) को समझाने की कोशिश कर रहे थे। काफी समझाने के बाद भी टाना भगत नहीं माने और उन्होंने कोर्ट परिसर में तोड़फोड़ शुरू कर दी, जिसके बाद स्िहोंति को काबू में करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करनी पड़ी थी।
इस दौरान आंसू गैस के गोले छोड़े गये थे। इसमें अफसर इंचार्ज (Officer In Charge) समेत कई अधिकारी और कई आंदोलनकारी भी घायल हुए।