कोलकाता: कलकत्ता उच्च न्यायालय ने (Kolkata High court) बुधवार को पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक (GDP) और कोलकाता के पुलिस आयुक्त को शहर के दक्षिणपश्चिम में इकबालपुर में दो समूहों के बीच हुई झड़प के मामले में जांच के लिये एक विशेष जांच दल गठित करने का निर्देश दिया।
केंद्रीय बलों की तैनाती को लेकर कोई आदेश पारित
दो याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति जयमाला बागची की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा कि राज्य सरकार की एक रिपोर्ट में (Report)कyहा गया है कि स्थिति वहां शांतिपूर्ण है, ऐसे में केंद्रीय बलों की तैनाती को लेकर कोई आदेश पारित नहीं किया जा रहा है।
पीठ में न्यायमूर्ति अपूर्व सिन्हा रॉय भी शामिल हैं। याचिकाओं में केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग की गई थी।
अदालत ने कहा कि इस पर Central Government को विचार करना है कि घटना की गंभीरता को देखते हुए क्या जांच एनआईए को सौंपी जानी है। पीठ ने कहा कि वह इसके बारे में कोई टिप्पणी नहीं कर रही
धमाके होने की जानकारी दी गई थी
पीठ ने राज्य सरकार द्वारा जमा की गई अनुपालन रिपोर्ट पर भी संज्ञान लिया कि उसने घटना की रिपोर्ट केंद्र को भेजी है जो केंद्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA ) अधिनियम के तहत अनिवार्य है क्योंकि घटना के दौरान वहां बम धमाके होने की जानकारी दी गई थी।
पीठ ने राज्य को SIT के गठन और जांच पर सुनवाई की अगली तारीख पर एक रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया। पूजा के अवकाश के दो हफ्ते बाद अगली सुनवाई होगी।
पीठ ने कहा कि State द्वारा उसके समक्ष प्रस्तुत रिपोर्ट में कहा गया है कि घटना के संबंध में पुलिस द्वारा दर्ज पांच प्राथमिकी में से तीन विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत थीं।
इसके मुताबिक, अदालत ने राज्य से पूछा कि क्या अधिनियम की धारा 6 के तहत केंद्र सरकार को सूचना देने के प्रावधान का पालन किया गया?
राज्य के वकील ने कहा कि स्थानीय पुलिस थाने के प्रभारी अधिकारी ने पश्चिम बंगाल सरकार को एक रिपोर्ट भेजी, जिसने इसे केंद्र को भेज दिया।
प्रदेश सरकार की रिपोर्ट में कहा गया कि 42 लोगों को गिरफ्तार किया गया और 15 बम और अन्य हथियार बरामद किए।
अदालत ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह प्रभावित क्षेत्र में सद्भाव सुनिश्चित करे।
तैनाती को मजबूत किया जाए
राज्य सरकार को (State Government) प्रभावित क्षेत्र में समाज के सभी वर्गों के निवासियों के लिए विश्वास-बहाली के उपाय शुरू करने का निर्देश देते हुए, पीठ ने आदेश दिया कि वहां पुलिस की तैनाती को मजबूत किया जाए।
पीड़ितों को उनके नुकसान का मुआवजा दिया
अदालत ने कहा कि यह जरूरी है कि पीड़ितों को उनके नुकसान का मुआवजा दिया जाए और राज्य द्वारा इस संबंध में कानून के अनुसार कदम उठाए जाएं।