मुंबई: शिवसेना (Uddhav Balasaheb Thackeray) ने गुरुवार को चुनाव आयोग पर (Election Commision) भेदभाव का गंभीर आरोप लगाते हुए चार पेज का पत्र भेजा है।
इस पत्र में ठाकरे समूह को पार्टी के चुनाव चिह्न और नाम के (Party Symbol and Name) आवंटन में पक्षपात का आरोप लगाया गया है।
विरोधी को कागज पत्र पेश करने के लिए समय दिया जाता है
शिवसेना (Uddhav Balasaheb Thackeray ) की नेता किशोरी पेडणेकर ने बताया कि चुनाव आयोग पक्षपातपूर्ण व्यवहार कर रहा है।
हम जो भी कागजपत्र चुनाव आयोग को सौंप रहे हैं, वह सभी कागज चुनाव आयोग (Election Commision) हमारे विरोधी समूह तक पहुंचा रहा है।
विरोधी समूह की ओर से दिए गए कागजपत्र की जानकारी चुनाव आयोग (Election Commision) हमें नहीं दे रहा है। इतना ही नहीं चुनाव आयोग हमें कोई भी कागजपत्र तत्काल देने का आदेश जारी करता है, जबकि हमारे विरोधी को कागज पत्र पेश करने के लिए समय दिया जाता है।
हमारा विरोधी समूह कोई भी चुनाव नहीं लड़ रहा है, जबकि उसे उसकी मांग के अनुसार चुनाव चिह्न और (Election Symbol) नाम आवंटित कर दिए गए, जबकि इसमें भी हमारे साथ अन्याय किया गया है।
चुनाव आयोग के कार्यालय में पेश कर दिया
बताया जा रहा है कि इन सभी 12 मुद्दों को शिवसेना (Uddhav Balasaheb Thackeray) ने अपने पत्र में शामिल किया है और यह पत्र शिवसेना के वकील ने दिल्ली स्थित चुनाव आयोग (Election Commision) के कार्यालय में पेश कर दिया है।
मांग के अनुसार ही चुनाव चिन्ह और नाम दिया
इस संबंध में बालासाहेब की शिवसेना के नेता शंभूराजे देसाई ने कहा कि चुनाव आयोग एक स्वायत्त संस्था है। इसके कामकाज पर इस तरह सवाल खड़ा नहीं किया जाना चाहिए।
चुनाव आयोग ने शिवसेना (Uddhav Balasaheb Thackeray) को उनकी मांग के अनुसार ही चुनाव चिन्ह और नाम दिया है।