न्यूज़ अरोमा रांची: ओरमांझी में युवती की सिरकटी लाश मामले का खुलासा एक ओर जहां रांची पुलिस के लिए सिरदर्द बना हुआ है।
वहीं, 14 फरवरी 2014 को बुंडू की प्रीति हत्याकांड में हुई किरकिरी को लेकर भी ओरमांझी मामले में पुलिस कुछ भी बोलने से बच रही है।
दरअसल, ओरमांझी मामले में सदर थाना क्षेत्र की रहने वाली एक महिला ने मृत युवती को अपनी बेटी होने का दावा किया है, साथ ही मोबाइल नंबर भी उपलब्ध कराया है, जिसके बाद पुलिस ने एक आरोपी को हिरासत में लिया है।
इन सके बावजूद पुलिस न इस महिला के दावे की आधिकारिक बयान दे रही है और न ही आरोपी युवक के हिरासत मामले में ही कुछ बोल रही है।
क्या है प्रीति हत्याकांड का मामला
दरअसल, 14 फरवरी 2014 को बुंडू में एक महिला की अधजली लाश मिली थी, जिसे बाद में चुटिया से लापता प्रीति के शव के रूप में उसके परिजनों ने शिनाख्त की थी।
इस मामले में तीन युवक अजीत, अभिमन्यु व अमरजीत को आरोपित बताते हुए पुलिस ने जेल भेज दिया था।
इसके कुछ माह बाद ही प्रीति जिंदा लौटी तो पुलिस-प्रशासन के होश उड़ गए थे।
इसके बाद पुलिस ने तथ्य की भूल बताते हुए कोर्ट में शपथ पत्र दायर किया था, जिसके आधार पर तीनों निर्दोष युवक जेल से बाहर निकल गए थे।
उस घटना के बाद से ही रांची पुलिस ऐसे मामलों में विशेष एहतियात बरत रही है।
अब पूरी तरह वैज्ञानिक तरीके से भी संतुष्ट होने के बाद ही पुलिस किसी नतीजे पर पहुंचने की कोशिश करती है।
महिला के बताए युवक को पुलिस ने हिरासत में लिया
इधर, ओरमांझी मामले में मृतका का महिला ने जिस युवक पर संदेह जाहिर किया था उसे पुलिस हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। हालांकि पुलिस इस पर कुछ भी बोलने से बच रही है।
महिला की ओर से सिर कटी लाश पर दावा और आरोप के अनुसार हिरासत में लिए जाने की पूरी जांच डीएनए रिपोर्ट पर निर्भर कर रहा है।
डीएनए टेस्ट रिपोर्ट आने के बाद ही पुलिस यह निष्कर्ष पर पहुंच पाएगी की लाश किसकी है।
ओरमांझी इलाके के साईनाथ यूनिवर्सिटी के पीछे बीते तीन जनवरी को बरामद एक युवती की सिरकटी लाश की शिनाख्त बरियातू, रानी बगान की एक महिला ने की है।
महिला का दावा है कि युवती उसकी बेटी थी, करीब चार माह पूर्व वह अपने एक युवक के साथ घर से भाग गई थी। तब से वह लापता थी।
हालांकि, इस दावे की औपचारिक घोषणा डीएनए की जांच रिपोर्ट व आधार कार्ड के सत्यापन के बाद ही होगा।
महिला ने युवती का आधार कार्ड भी दिखाया
इधर, ओरमांझी मामले में मृतका का सिर अब तक नहीं मिल पाया है। मीडिया में आई खबरों में युवती का हुलिया और पहचान चिह्न के आधार पर उक्त महिला ने दावा किया है कि वह उसकी बेटी थी।
दावा करने वाली महिला के मुताबिक उनकी बेटी के हाथ व पैर में काला धागा, दाहिने बांह पर काला तिल व तलवे में काला तिल है, जो मृतका के शरीर से मैच कर रहा है।
इतना ही नहीं, युवती की मां ने कहा कि एक बार उनकी बेटी के पैर का अंगूठा जल गया था।
युवती के शव का भी एक अंगूठा जला हुआ था। इतने सारे पहचान चिह्न बताने के बाद यह लगभग तय हो गया है कि युवती उस महिला की बेटी है।
महिला ने युवती का आधार कार्ड भी पुलिस को दिया है, जिसका सत्यापन अभी बाकी है।
रिम्स के फोरेंसिक मेडिसिन एंड टॉक्सिकोलोजी विभाग ने मृतका के डीएनए प्रोफाइलिग के लिए भी लिखा है।
पोस्टमार्टम के बाद अब एफएसएल रिपोर्ट का इंतजार
रांची पुलिस को युवती की सिर कटी लाश मामले में पोस्टमार्टम की रिपोर्ट मिल गई है।
इसके अनुसार युवती की गला काटकर हत्या की गई है।
उसके निजी अंग पर प्रहार के सबूत तो नहीं मिले, लेकिन पूर्व में संबंध बनने के सबूत मिले हैं।
उसके साथ दुष्कर्म हुआ कि नहीं, इस बिदु पर मंतव्य राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला (एसएफएसएल) की रिपोर्ट से होगा।
एसएफएसएल में युवती का स्वैब जांच के लिए भेजा जा रही है, ताकि दुष्कर्म के बिंदु पर रिपोर्ट मिल सके।