न्यूयॉर्क: हाल ही में Duke University (ड्यूक यूनिवर्सिटी) के एक शोध में खुलासा हुआ है,कि Green Light Therapy में कुछ समय बिताने पर हर तरह के दर्द से आराम मिलता है।
दर्द से स्थाई आराम भी मिलता है। शोधकर्ताओं ने इसे ग्रीन लाइट थेरेपी (Green Light Therapy) का नाम दिया है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि ग्रीन लाइट थेरेपी में किसी किस्म का कोई दुष्परिणाम नहीं है। नाही इसकी आदत लगती है।
Brain में दर्द पर काबू करने वाले हिस्से को सिग्नल भेजने का काम करता है
प्रमुख शोधकर्ता डॉ पदमा गुल्लर (Lead researcher Dr. Padma Gullar) ने मांसपेशियों में दर्द के मरीजों पर इसका परीक्षण किया। 2 सप्ताह तक, हर दिन 4 घंटे अलग-अलग रंगों के चश्मे पहनने को दिए गए।
जिनको हरा चश्मा पहनाया गया था। उनके नतीजे आने के बाद पता चला कि हरा चश्मा पहनने वालों में दर्ज की चिंता कम हो गई।
उन्होंने पेन किलर्स (Pain Killers) लेना कम कर दिया, अथवा बंद कर दिया। जिन लोगों को परीक्षण के लिए हरे चश्मे दिए गए थे। उन्होंने उसे लौटाने से इनकार भी कर दिया।
शोधकर्ताओं के अनुसार हरी रोशनी कुछ तंत्रिकाओं के रास्ते हमारी आंखों से होते हुए ब्रेन तक पहुंचती है। इन्हीं के माध्यम से दर्द पर नियंत्रण करती है।
शोधकर्ताओं के अनुसार आंख में मौजूद मेलानोपिसन एसिड हरी रोशनी से Trigger हो जाता है। जो Brain में दर्द पर काबू करने वाले हिस्से को Signal भेजने का काम करता है। जिससे मस्तिष्क में दर्द कम करने वाला एक नया रास्ता खुलता है।
पेन किलर से होने वाले नुकसानो को भी रोका जा सकेगा
एरिजोना यूनिवर्सिटी (University of Arizona) के डॉक्टर मोहम्मद इब्राहिम के अनुसार ग्रीन लाइट का माइग्रेन पीड़ितों पर अध्ययन किया। इससे माइग्रेन के कारण तीव्र दर्द में 60 फ़ीसदी तक की कमी पाई गई।
वहीं मांसपेशियों का दर्द भी आश्चर्यजनक रूप से कम हुआ है। चिकित्सा के क्षेत्र में ग्रीन लाइट थेरेपी के आश्चर्यजनक परिणाम (Amazing Results) मिलने से लोगों को अब पेन किलर से राहत मिलेगी। वही पेन किलर से होने वाले नुकसानो को भी रोका जा सकेगा।