नई दिल्ली: केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को भारत और जापान के बीच निर्दिष्ट कुशल कामगारों की सहभागित से जुड़े समझौता ज्ञापन (एमओसी) पर हस्ताक्षर को मंजूरी प्रदान की है, जिससे जापान में 14 निर्दिष्ट क्षेत्रों में काम के लिए कुशल भारतीय कामगारों को भेजा जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बुधवार को हुई बैठक में भारत और जापान के बीच सहभागिता से जुड़े इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर की मंजूरी दी गयी।
सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार मौजूदा सहभागिता समझौता ज्ञापन भारत और जापान के बीच सहभागिता और सहकार से जुड़े एक संस्थागत तंत्र की स्थापना करेगा।
इससे जापान में 14 निर्दिष्ट क्षेत्रों में काम करने के लिए कुशल भारतीय कामगारों को जापान भेजा जाएगा।
इसके लिए इन्हें अनिवार्य कुशलता प्राप्त करने के साथ जापानी भाषा की परीक्षा पास करनी होगी।
इन भारतीय कामगारों को जापान सरकार की ओर से ‘निर्दिष्ट कुशल कामगार’ नाम की एक नई सामाजिक स्थिति (न्यू स्टेटस ऑफ रेजिडेंस) प्रदान की जाएगी।
इस एमओसी से नर्सिंग देखभाल, इमारतों की सफाई, सामग्री प्रसंस्करण उद्योग, औद्योगिक मशीनरी निर्माण उद्योग, इलेक्ट्रिक एवं उद्योगों से संबद्ध इलेक्ट्रॉनिक सूचना, निर्माण, पोत निर्माण एवं पोत से संबद्ध उद्योग, वाहनों का रखरखाव, विमानन, अस्थायी आवास मुहैया कराने, कृषि, मत्स्य पालन, खाद्य वस्तुएं एवं पेय निर्माण उद्योग और खान-पान सेवा उद्योग जैसे 14 क्षेत्रों में कुशल भारतीय कामगारों के लिए जापान में रोजगार के बढ़े हुए अवसर निर्मित होंगे।
इस एमओसी के अंतर्गत एक संयुक्त कार्य बल का गठन किया जाएगा।
यह एमओसी का अनुपालन सुनिश्चित करेगा।
सहभागिता समझौता ज्ञापन भारत और जापान के लोगों के बीच आपसी संपर्क को बढ़ाएगा और भारत के कामगारों एवं कुशल पेशेवरों को जापान भेजने में मदद करेगा।