रांची: Ranchi (रांची) से लेकर कोलकाता तक 70 ठिकानों पर दूसरे दिन भी छापेमारी (Raid) जारी रही। इधर रांची में ED की छापेमारी में व्यवसायी विष्णु अग्रवाल के घर से रियल एस्टेट में बड़े निवेश के सबूत मिले हैं।
वहां से दर्जनों प्लॉट के कागजात जब्त किए गए हैं। सूत्रों के मुताबिक रांची स्मार्ट सिटी (Smart Citry) में जमीन खरीदने में भी कुछ नेताओं और अफसरों की भूमिका का पता चला है।
इसलिए अब स्मार्ट सिटी (Smart City) तक जांच पहुंचेगी। क्योंकि अग्रवाल ने वहां दो आवासीय और एक मिक्स्ड यूज के कुल 25.38 एकड़ के तीन प्लॉट खरीदे हैं।
नेता और अफसरों में हड़कंप
ये प्लॉट चैलेस रियल एस्टेट नामक कंपनी के नाम पर रिजर्व प्राइस में खरीदे गए हैं। स्मार्ट सिटी (Smart Citry) में कुल छह आवासीय और दो मिक्स्ड यूज के प्लॉट की नीलामी में प्रतिस्पर्धा न हो, इसलिए रांची के बिल्डरों ने आपस में ही गठबंधन कर लिया।
एक ही कंपनी में कई बिल्डर हिस्सेदार बन गए, ताकि रिजर्व प्राइस में जमीन मिल सके। नतीजा यह हुआ कि इन्हें आवासीय प्लॉट 6.62 लाख और मिक्स्ड यूज प्लॉट 10.15 लाख रुपए डिसमिल की दर से मिल गया। अब अग्रवाल के यहां से मिले कागजातों से कई बिल्डर, नेता और अफसरों में हड़कंप मचा हुआ है।
जिस्ट्रार वैभव मनी त्रिपाठी से इस जमीन की जानकारी मांगी
छापेमारी 9Raid) में जब्त कागजातों से सिरमटोली चौक के पास सेना के कब्जे वाली एक और जमीन की खरीद-बिक्री की बात सामने आई है।
विष्णु अग्रवाल ने वर्ष 2018 में 3.75 एकड़ की यह जमीन खरीदी थी। इ
सके लिए उन्होंने महुआ मित्रा व संजय कुमार घोष को 24.37 करोड़ रुपए का भुगतान किया था। इसके में भी गड़बड़ी की बात सामने आई है। ED के अधिकारियों ने पूर्व रजिस्ट्रार घासीराम पिंगुआ व सब रजिस्ट्रार वैभव मनी त्रिपाठी से इस जमीन की जानकारी मांगी है।
सब रजिस्ट्रार वैभव मनी त्रिपाठी ने शनिवार को बरियातू रोड स्थित सेना के कब्जे वाली 4.55 एकड़ जमीन की खरीद-बिक्री से संबंधित कागजात ED को सौंपा। ED ने उन्हें कागजात के साथ बुलाया था।
केंद्रीय एजेंसी की कार्रवाई राजनीति से प्रेरित
कांग्रेस के विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि उनके खिलाफ केंद्रीय एजेंसी (Central Agency) की कार्रवाई राजनीति से प्रेरित है। अगले लोकसभा चुनाव को देखते हुए उनके प्रतिद्वंद्वी ने उनके खिलाफ यह कार्रवाई करवाई है।
सरकार को अस्थिर करने के लिए भाजपा की खरीद-फरोख्त योजना में उन्हें वे लोग नहीं तोड़ सके तो यही रास्ता अपनाया। प्रदीप यादव ने बताया कि आयकर विभाग को उनके पास से 16,400 रुपए और गाड़ी के कागजात मिले हैं।