कोलकाता: केंद्रीय संसदीय कार्य एवं संस्कृति राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल (Arjun Ram Meghwal) ने कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) को पश्चिम बंगाल में हर हाल में लागू किया जाएगा।
उनका बयान ऐसे समय में आया है, जब केंद्रीय गृह मंत्रालय (Union Home Ministry) ने हाल ही में घोषणा कि है कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आकर गुजरात के मेहसाणा और आणंद जिलों में रह रहे जैन, पारसी, हिंदुओं और सिखों को नागरिकता दी जाए।
CAA को संसद में पारित किया गया है
पश्चिम बंगाल में मटुआ समुदाय (Matua Community) को नागरिकता दिए जाने पर विवाद है। मटुआ बांग्लादेश की अनुसूचित जाति के तहत नामित शरणार्थी समुदाय है।
उत्तर 24 परगना जिले के बनगांव उपखंड के ठाकुरनगर में मटुआ समुदाय के लोगों द्वारा आयोजित एक धार्मिक समारोह ‘राश मेला’ में यह बात कही, जो राज्य में मुख्य रूप से मटुआ बहुल इलाका है।
मेघवाल ने कहा कि वह इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से बात करेंगे। मेघवाल ने कहा केंद्र मटुआ समुदाय के लोगों को भारतीय नागरिक (Indian Citizens) का दर्जा देने के बारे में गंभीर है।
इसलिए CAA को संसद में पारित किया गया है। नियम बनाने में कुछ तकनीकी समस्याएं हैं और उन्हें खत्म करने के प्रयास किए जा रहे हैं। इस प्रक्रिया में कुछ समय लग रहा है।
अधिकारी ने कहा पश्चिम बंगाल भारत का हिस्सा है
उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर कोई समस्या है, तो उसे भी हल किया जाएगा। गुजरात के दो जिलों में शरणार्थियों को नागरिकता का दर्जा देने की गृह मंत्रालय की अधिसूचना की घोषणा के तुरंत बाद पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शभेंदु अधिकारी ने कहा कि गुजरात में विकास की शुरुआत का संकेत है।
अधिकारी ने कहा पश्चिम बंगाल भारत का हिस्सा है। इससे अंतत: मटुआ और अन्य अनुसूचित जनजाति शरणार्थियों को फायदा होगा, जिन्हें अब 1971 से पहले पुराने दस्तावेज जमा करने के लिए नहीं कहा जाएगा।
हालांकि, केंद्रीय बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग राज्यमंत्री शांतनु ठाकुर और बनगांव निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा के लोकसभा सदस्य के बयान में आशंका का एक नोट परिलक्षित हुआ, क्योंकि उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की संघीय व्यवस्था में यदि राज्य सरकार कुछ भी लागू करने में केंद्र सरकार का समर्थन नहीं करती है, तो किसी विशेष राज्य में कार्यान्वयन प्रक्रिया कठिन हो जाती है।
उन्होंने कहा यह पश्चिम बंगाल में CAA को लागू करने के लिए एक नकारात्मक बिंदु है, क्योंकि राज्य सरकार इसका विरोध कर रही है।
लेकिन गुजरात में शरणार्थियों के बारे में गृह मंत्रालय (Home Ministry) की घोषणा सही दिशा में पहला कदम है। कम से कम हमने मटुआ से जो वादा किया था, वह गुजरात के साथ शुरू होता है।