दुमका: पूर्व मुख्यमंत्री और BJP के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष Raghuvar Das ने कहा कि 1932 का खतियान (1932 Khatian) और आरक्षण नीति (Reservation Policy) दोनों ही मामलों में नियमों (Rules) का पालन नहीं किया गया।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) जानते हैं कि 1932 का खतियान लागू नहीं हो सकता है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विधानसभा में कहा था कि ‘‘यदि आप कानून के जानकार है तो खतियान के आधार पर कभी भी नियोजन नीति (Planning Policy) नहीं बन सकता है।
रघुवर ने कहा 2016 में स्थानीय नीति व नियोजन नीति परिभाषित की थी
कभी भी खतियान के आधार पर नियोजन नीति बनेगा तो कोर्ट उसे तुरंत खत्म कर देगा।’’ स्थानीय नीति लागू करना होता तो इसे केंद्र के पास भेजने की आवश्यकता नहीं थी।
सातवीं अनुसूची (7th Schedule) में संविधान राज्य को स्थानीय नीति (Local Policy) परिभाषित करने का अधिकार देता है।
रघुवर ने कहा कि हमने 2016 में स्थानीय नीति व नियोजन नीति परिभाषित की थी। तब इसे केंद्र सरकार के पास नहीं भेजा था। इसके बनने के बाद एक लाख से ज्यादा सरकारी नौकरियां दी गई।
इसमें 32000 शिक्षक, 8000 सिपाही, 2200 दरोगा, वनरक्षी व अन्य पदों पर नियुक्ति की गई। इसमें 95 प्रतिशत से अधिक मूलवासियों (Natives) को सरकारी नौकरियां मिली।
इसी तरह बाबूलाल मरांडी ने भी स्थानीय नीति बनाकर केंद्र सरकार को नहीं भेजा था, स्थानीय स्तर पर ही उसे लागू किया था। स्थानीयता और आरक्षण (Locality and Reservation) के मुद्दे पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की नीयत केवल राजनीति करने की है, इसे लागू करने की नहीं है।