नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सूट (Narendra Modi Suit ) से जुड़ी एक याचिका को खारिज कर दिया है। इस याचिका में मुख्य सूचना आयुक्त (CIC) के फैसले को चुनौती दी गई है।
याचिका में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पहने गये सूट की नीलामी के संबंध में कुछ जानकारी की मांग को लेकर दायर सूचना का अधिकार (RTI) आवेदन पर देरी से सूचना देने के लिए एक अधिकारी पर जुर्माना लगाने से इनकार करने के सीआईसी के फैसले को याचिका में चुनौती दी गई है। अदालत ने याचिका में दी गई दलीलों को ‘मिथ्या’ करार दिया।
न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने RTI आवेदक की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि सीआईसी के समक्ष जुर्माना लगाने को लेकर कोई मामला साबित नहीं किया गया।
CIC की ओर से जुलाई 2021 में दिये गये आदेश को चुनौती देने वाले याचिकाकर्ता ने कहा कि उसने RTI कानून के तहत मोदी के सूट और इनकी नीलामी से संबंधित सूचनाएं प्राप्त करने के लिए एक आवदेन दायर किया था।
वर्ष 2015 में मोदी के इस सूट के लिए नीलामी हुई थी
उसने कहा कि उसे सूचनाएं एक महीने के विलंब से दी गईं, इसलिए CIC को संबंधित अधिकारी पर जुर्माना लगाना चाहिए। याचिकाकर्ता ने कहा कि CIC ने अधिकारी को आवेदन का जवाब देने में विलंब के लिए केवल चेतावनी दी, लेकिन उस पर कोई जुर्माना नहीं लगाया जो RTI कानून के विपरीत है।
अदालत ने याचिका को मिथ्या करार देते हुए कहा कि कानून केवल CIC को तभी जुर्माना लगाने की शक्ति प्रदान करता है जब वह पाता है कि सूचना बिना किसी कारण के विलंब से प्रदान की गई या जहां कोई दुर्भावना का मामला हो।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा (US President Barack Obama) से नई दिल्ली में मुलाकात के दौरान जिस सूट को पहना था, उसे सूरत के एक हीरा कारोबारी ने 4।31 करोड़ रुपये में खरीदा था। वर्ष 2015 में मोदी के इस सूट के लिए नीलामी हुई थी।