नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) शनिवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में संविधान दिवस समारोह (Constitution Day Celebration) में भाग लेंगे, जहां वह ई-कोर्ट प्रोजेक्ट (E-Court Project) के तहत विभिन्न नई पहलों की शुरूआत करेंगे।
यह प्रोजेक्ट अदालतों की ICT सक्षमता के माध्यम से वादियों, वकीलों और न्यायपालिका को सेवाएं प्रदान करने का एक प्रयास है।
26 नवंबर को 2015 से संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है
1949 में संविधान सभा (Constituent Assembly) द्वारा भारत के संविधान (Indian Constitution) को अपनाने के उपलक्ष्य में 26 नवंबर को 2015 से संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है।
प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की जाने वाली पहलों में वर्चुअल जस्टिस क्लॉक, जस्टिस मोबाइल एप 2.0, डिजिटल अदालतें और एसथ्रीडब्ल्यूएएएस शामिल हैं।
न्याय वितरण प्रणाली के महत्वपूर्ण आंकड़ों को प्रदर्शित करने की एक पहल
वर्चुअल जस्टिस क्लॉक अदालत (Virtual Justice Clock Court) के स्तर पर न्याय वितरण प्रणाली के महत्वपूर्ण आंकड़ों को प्रदर्शित करने की एक पहल है, जिसमें अदालत के स्तर पर दैनिक, साप्ताहिक और मासिक आधार पर स्थापित मामलों, निपटाए गए मामलों और लंबित मामलों का विवरण दिया गया है।
न्यायालय (Court) द्वारा निपटाये गये मुकदमों की स्थिति को जनता के साथ साझा कर न्यायालयों के कामकाज को जवाबदेह और पारदर्शी बनाने का प्रयास है।
जनता जिला अदालत की वेबसाइट (Website) पर किसी भी अदालत प्रतिष्ठान की वर्चुअल जस्टिस क्लॉक का उपयोग कर सकती है।
अदालत के रिकॉर्ड को डिजीटल रूप में उपलब्ध कराने की एक पहल
जस्टिस मोबाइल एप (Justice Mobile App) 2.0 न्यायिक अधिकारियों के लिए प्रभावी अदालत और मामले के प्रबंधन के लिए उपलब्ध एक उपकरण है, जो न केवल उनकी अदालत बल्कि उनके अधीन काम करने वाले व्यक्तिगत न्यायाधीशों के लंबित मामलों और निपटान की निगरानी करता है।
डिजिटल कोर्ट (Digital Court) कागज रहित अदालतों में संक्रमण को सक्षम करने के लिए न्यायाधीशों को अदालत के रिकॉर्ड को डिजीटल रूप में उपलब्ध कराने की एक पहल है।