रांची: भाजपा (BJP) विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने झारखंड में उत्पाद विभाग का राजस्व 516 करोड़ रुपये घटने पर मंगलवार को हेमंत सरकार को घेरा है।
उन्होंने मुख्यमंत्री को सलाह दी है कि इससे पहले कि वे शराब घोटाले (liquor scam) में फंसकर एक और घोटाले का रिकॉर्ड (record) अपने नाम कर लें, बिना देरी किये उन अफसरों पर कठोर कार्रवाई करें, जिन्होंने दिल्ली की तर्ज पर शराब घोटाले में उनकी गर्दन फंसाने का पक्का इंतजाम कर दिया है।
बाबूलाल ने कहा कि इस चूहे-बिल्ली और लूटपाट के खेल में झारखंड के सरकारी राजस्व का बैंड बज रहा है
बाबूलाल ने कहा कि इस चूहे-बिल्ली और लूटपाट के खेल में झारखंड के सरकारी राजस्व का बैंड बज रहा है। आखिर इसमें दोषी कौन है। बाबूलाल ने सलाह दी कि मुख्यमंत्री अगर उनके उठाये सवालों के पिछले पन्ने उलटे तो उनकी सारी शंका का समाधान हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि सरकारी व्यवस्था में जब घूस टार्गेट फिक्स (target fix) कर पहले वसूल लिया जायेगा, तो सरकारी राजस्व का नुकसान तो होना ही है। यही शराब के व्यवसाय में हो रहा है।
उन्होंने कहा कि मई में जब छत्तीसगढ़ी शराब पॉलिसी (Chhattisgarhi Liquor Policy) और पॉलिसी बनाने के लिए पहले चुनकर रखी गई कंपनियां आयीं, तो उन्हें महिमामंडित करने के लिए उत्पाद विभाग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस (Press Conference) किया, जिसमें दावा किया गया कि राजस्व अनुमान से ज्यादा आने लगा है।
कोशिश की गई कि कम राजस्व का आशंका जताने वाले विपक्षियों को झूठा साबित किया जाए लेकिन राजस्व संग्रहण के झूठे आंकड़े अखबारों में छपवाने के दो महीने बाद ही उत्पाद विभाग की बोलती बंद हो गई है।
बाबूलाल ने कहा कि उत्पाद विभाग राजस्व वसूली के लक्ष्य से 516 करोड़ पीछे चल रहा है।