पटना: बिहार (Bihar) में नगर निकाय चुनाव (Municipal Elections) को लेकर नई तारीखों की घोषणा कर दी गई है। इस बीच, भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने गुरुवार को आरोप लगाया कि सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) की अवमानना कर जबरदस्ती और जल्दबाजी में निकाय चुनाव कराए जा रहे हैं।
बिहार के पूूर्व उपमुख्यमंत्री (Former Deputy Chief Minister) सुशील कुमार मोदी नगर निकाय चुनाव कराने के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि राज्य सरकार सर्वोच्च न्यायालय की अवमानना करके जबरदस्ती और जल्दबाजी में निकाय चुनाव करवा रही है।
उन्होंने आशंका व्यक्त करते हुए यह भी कहा कि किसी भी समय इस चुनाव पर फिर से रोक लग सकती है। उन्होंने कहा कि अदालत में सरकार की फिर फजीहत होने वाली है।
राज्यसभा सांसद मोदी (Rajya Sabha MP Modi) ने कहा कि सरकार द्वारा अति पिछड़ा आयोग की रिपोर्ट (Report) को भी सार्वजनिक नहीं किया।
उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि क्या आयोग की रिपोर्ट जानने का हक बिहार की जनता को नहीं है। भाजपा (BJP) नेता ने आगे कहा कि इस चुनाव में नए लोगों को भी चुनाव लड़ने से रोक दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि बिहार राज्य निर्वाचन आयोग (Bihar State Election Commission) ने बुधवार को निकाय चुनावों के लिए बुधवार नई तारीखों की घोषणा कर दी है। पहले चरण का चुनाव जहां 18 दिसंबर को होगा जबकि दूसरे चरण का मतदान 28 दिसंबर को होगा।
पहले चुनाव अक्टूबर में होने थे, लेकिन पटना उच्च न्यायालय (Patna High Court) के एक आदेश के बाद चुनाव को स्थगित कर दिया गया था।
निर्वाचन आयोग ने चुनाव को स्थगित किया
राज्य निर्वाचन आयोग ने नगर निकाय चुनाव को नए सिरे से कराने को लेकर सभी जिलाधिकारियों (District Magistrates) को निर्देश जारी किया। बुधवार को जारी निर्देश के तहत सूबे में नगर निकाय चुनाव दो चरणों में संपन्न होंगे।
आयोग के मुताबिक, 18 दिसंबर को पहले चरण का मतदान होगा और 20 दिसंबर को मतगणना (Vote Counting) होगी, इसके बाद 28 दिसंबर को दूसरे चरण को वोटिंग (voting) और 30 दिसंबर को मतगणना होगी।
पहले राज्य निर्वाचन आयोग ने 10 और 20 अक्टूबर को मतदान होना था, लेकिन पटना हाईकोर्ट ने निकाय चुनाव में ओबीसी (OBC) और ईबीसी (EBC) आरक्षण को सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन (Supreme Court’s guideline) के खिलाफ करार दे दिया। इस कारण निर्वाचन आयोग ने चुनाव को स्थगित कर दिया। इसके बाद सरकार ने आयोग का गठन किया है।