रांची: बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (BIT) मेसरा का 32वां दीक्षांत समारोह (32nd Convocation) रविवार को मनाया गया। इसमें UG, PG और PHD के 1532 Students को डिग्री दी गयी।
इसमें सत्र 2018-22 में शामिल यूजी (859), PG (598) और PHD (75) कोर्स के कुल 1532 विद्यार्थियों के बीच डिग्री बांटी गयी। साथ ही 10 स्टूडेंट्स को गोल्ड मेडल दिए गए।
समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल सह कुलाधिपति रमेश बैस ने कहा कि आज हमारा देश दुनिया की प्रगतिशील अर्थव्यवस्था में शामिल है। आप लोगों में जॉब क्रिएटर (Job Creator) बनने की भी असीम क्षमता है।
मुझे विश्वास है कि इस संस्थान के विद्यार्थी आने वाले समय में राष्ट्र के विकास व ‘आत्मनिर्भर भारत’ के निर्माण में अपनी अग्रणी भूमिका निभाएंगे।
मेक-इन-इंडिया पहल में शामिल होने का आग्रह
हम सभी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। मैं इस अवसर पर आप सभी युवाओं से विभिन्न उद्योगों में और क्षेत्रों में मेक-इन-इंडिया पहल में शामिल होने का आग्रह करता हूं।
राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा का महत्व उपाधि ग्रहण करने या नौकरी के लिए प्रशिक्षण प्राप्त कर लेने मात्र तक सीमित नहीं होना चाहिए। इसका वास्तविक महत्व एक बेहतर, जिम्मेदार और चरित्रवान नागरिक के रूप में राष्ट्र के विकास में योगदान देना है।
शिक्षण संस्थानों का कर्तव्य विद्यार्थियों में चेतना जागृत कर जीवन में बेहतर करने की भूख जगाना, उनमें आत्मनिर्भरता पैदा करना और उन्हें एक सम्पूर्ण व्यक्तित्व देना भी होना चाहिए।
नयी शिक्षा नीति में है संस्थान का योगदान
राज्यपाल ने कहा कि संस्थान के कुलपति प्रोफेसर इंद्रनील मन्ना (Professor Indranil Manna) अभियांत्रिकी विषयों के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
इसके संकाय सदस्यों ने प्रशिक्षण, वेबिनार तथा उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के कार्यान्वयन पर राज्यस्तरीय कार्यशाला में भाग लिया। उन्होंने कहा कि मुझे पूर्ण विश्वास है कि इससे इस संस्थान में अनुसंधान व शोध कार्यों को और गति मिलेगी।
राज्यपाल ने कहा कि बिरला प्रौद्योगिकी संस्थान, मेसरा, झारखंड राज्य का एक अग्रणी तकनीकी संस्थान है। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में इसने विशिष्ट पहचान स्थापित की है।
BIT Mesra के विद्यार्थियों ने देश के विकास में अमूल्य योगदान दिया
यहां से शिक्षा ग्रहण कर विद्यार्थी अपनी प्रतिभा से देश-विदेश में सेवा प्रदान कर संस्थान का नाम रोशन कर रहे हैं। खुशी की बात यह है कि यह संस्थान अभियांत्रिकी और प्रौद्योगिकी (Engineering And Technology) के क्षेत्र में ज्ञान का प्रसार करने में कई वर्षों से महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।
उन्होंने विश्वास कहा कि हाल ही में BIT के संकाय सदस्य AICTE -आइडिया लैब, दलमा जंगल में पहला फेनोमेट सेंसर की स्थापना, भोजन की पोषण गुणवत्ता बढ़ाने के लिए अनाज का फोर्टिफिकेशन आदि जैसी विभिन्न नई शोध पहलों के लिए चर्चा में रहे हैं।
बीआईटी मेसरा (BIT Mesra) के पूर्ववर्ती विद्यार्थियों ने देश के विकास में अमूल्य योगदान दिया है। राजीव कौल, राम गोंविंदराजू, गुरुदीप सिंह पाल, गौतम सिन्हा समेत आदि कई पूर्ववर्ती विद्यार्थियों ने व्यावसायिक जीवन में भी बड़ी सफलता हासिल की है।