रांची: झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) में मंगलवार को साहिबगंज (Sahibganj) के बरहरवा टोल प्लाजा (Toll Plaza) टेंडर मामले में बरहरवा थाने में दर्ज मामले की 24 घंटे में क्लीन चिट देने के मामले की CBI जांच का आग्रह करने वाली याचिका पर सुनवाई हुई।
मामले में न्यायमूर्ति (Justice) एस के द्विवेदी की कोर्ट ने ED को प्रतिवादी बनाने की अनुमति दी।
ED को इससे संबंधित एविडेंस रिकॉर्ड (Evidence record) पर लाने का निर्देश कोर्ट ने दिया है। मामले की अगली सुनवाई 22 दिसंबर को होगी।
ED को प्रतिवादी बनाने के लिए प्रार्थी शंभू नंदन कुमार की हस्तक्षेप याचिका (IA) को कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता अभय मिश्रा ने पैरवी की।
टोल प्लाजा टेंडर विवाद में शंभू नंदन कुमार ने प्राथमिकी दर्ज हुई थी
उल्लेखनीय है कि साहिबगंज के बरहरवा थाने में टोल प्लाजा टेंडर विवाद में शंभू नंदन कुमार ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसमें पंकज मिश्रा पर टेंडर (Tender) में भाग नहीं लेने की धमकी देने का आरोप लगाया गया था।
पंकज ने टेलिफोनिक (Telephonic) धमकी दी थी लेकिन पुलिस ने उसके वॉइस रिकॉर्ड (Voice Record) की फॉरेंसिक जांच (Forensic Investigation) नहीं कराई थी। साथ ही आधे घंटे में 14 गवाहों का बयान लेकर पुलिस ने मामले में पंकज मिश्रा और मंत्री आलमगीर आलम को क्लीन चिट दी थी।
प्रार्थी की ओर से ये आरोप लगाया गया था
प्रार्थी की ओर से आरोप लगाया गया था कि मामले में जांच को प्रभावित करने के लिए इन दोनों को क्लीन चिट (Clean Chit) दी गई है।
प्रार्थी ने इसकी CBI जांच कराने का आग्रह किया है। मामले को लेकर बरहरवा साहिबगंज थाना कांड संख्या 85/2020 दर्ज कराई गई थी। निचली अदालत ने भी मामले में ट्रायल पर रोक लगाई है।