गुमला: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने लोगों से हड़िया-दारू की बिक्री बंद करने और खेतीबारी और पशुपालन (Farming And Animal Husbandry) करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि इस राज्य में लोगों का नशापान कराने के लिए एक बहुत बड़ा रैकेट काम कर रहा है।
यहां के आदिवासी और मूलवासियों (Tribals and Natives) को हड़िया-दारू में डुबोना चाहते हैं। सिर में हड़िया-दारू लेकर बेचने जाने से बेहतर है कि सिर पर योजनाओं की गठरी लेकर चले।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वनाधिकार का बदला हुआ कानून झारखंड (Law Jharkhand) को स्वीकार्य नहीं है। यदि यह कानून लागू हो गया तो पूरे देश के आदिवासियों को इसका दुष्परिणाम भुगतना पड़ेगा। मुख्यमंत्री सोमवार को पुग्गू हवाई अड्डे में आयोजित खतियान जोहार यात्रा कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
शिबू सोरेन के नेतृत्व में अलग राज्य की लड़ाई लड़ी गई : सोरेन
उन्होंने कहा कि अब देखा जा रहा है कि राज्य में जितने भी बच्चे जन्म ले रहे हैं। उसमें 45 प्रतिशत बच्चे कुपोषित (Malnourished) मिल रहे हैं। राज्य की 50 प्रतिशत महिलाएं खून की कमी से ग्रसित हैं।
इसके निदान के लिए पूर्वजों की परंपरा को अपनाएं। केला, पपीता सहित अन्य फलों और हरे साग-सब्जियों की खेती करें। पशुपालन करें। इसके सेवन से कुपोषण एवं खून की कमी की समस्या दूर होगी। खेत-खलिहान, गाय-बकरी ही असली धन है।
सोरेन ने अपने संबोधन में नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज, 1932 का खतियान, ST , OBC और SC का आरक्षण, सरना कोड जैसे संवेदनशील मामलों का जिक्र करते हुए कहा कि पूर्ववर्ती डबल इंजन की सरकार ने सिर्फ मामले को भटकाने और लोगों को दिग्भ्रमित करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि शिबू सोरेन के नेतृत्व में अलग राज्य की लड़ाई लड़ी गई।
कई लोगों ने इसके लिए बलिदान दिया। मगर जैसा झारखंड का सपना हमारे पुरखों ने देखा था, वह अगल राज्य बनने के बाद भी पुरा नहीं हो सका।
क्योंकि झारखंड में दमन और शोषण करने वाले लोग ही राज्य की सत्ता पर काबिज हो गयें। यदि हमलोगों ने 2019 के चुनाव में उन्हें सत्ता से बेदखल नहीं किया होता तो इस राज्य को डूबने से कोई नहीं बचा सकता था।
उन्होंने कहा कि राज्य में पूर्व की एनडीए सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि इन लोगों ने योजनावद्ध तरीके से इस राज्य को चारागाह के रूप में इस्तेमाल किया। यहां के गरीबों को और गरीब बनाने का काम किया गया।
पारम्परिक वेशभूषा व वाद्य यंत्रों के साथ नृत्य दलों ने CM का स्वागत किया
उन्होंने कहा कि झारखंड के लोगों को हमारी सरकार ने उनका हक देने का प्रयास किया है। हमारी प्राथमिकता ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाना है, ताकि गांव के लोग किसी का मोहताज नहीं बने ।
गांव-गरू,खेत-खलिहान ही हमारी दौलत है। उनके कल्याण के लिए सरकार ने कई महत्वपूर्ण योजनाएं चला रही है।
कार्यक्रम को पूर्व मंत्री बंधु तिर्की, श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता, सिसई के विधायक जिग्गा सुसारन होरो, गुमला विधायक भूषण तिर्की आदि वक्ताओं ने भी संबोधित किया।
मौके पर पारम्परिक वेशभूषा व वाद्य यंत्रों के साथ नृत्य दलों ने CM का स्वागत किया। साथ ही उन्हें पुलिस प्रशासन द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।