मुंबई: बॉलीवुड (Bollywood) के जाने-माने हस्ती विवेक ओबेरॉय (Vivek Oberoi) का करियर (Carrier) एक वक्त पर आसमान की बुलंदियों को छू रहा था।
बॉलीवुड को ‘कंपनी’ (Company), ‘साथिया’ (Sathiya) ‘शूटआउट एट लोखंडवाला’ जैसे शानदार फिल्में (Movies) देने वाले Vivek Oberoi का कैरियर एकदम से चौपट हो गया।
किसी ने सोचा भी नहीं था कि इतनी ऊंचाइयों पर पहुंचने के बाद भी विवेक ओबेरॉय को इतने लंबे वक्त तक खाली हाथ बैठना पड़ेगा।
विवेक ओबरॉय की जिंदगी में एक ऐसा वक्त आया जब उन्हें करियर के साथ-साथ ब्रेकअप (Breakup) का भी दर्द झेलना पड़ा। अभिनेत्री ऐश्वर्या राय (Aishwarya Rai) से उनका प्यार परवान चढ़ा ही था कि दोनों के रिश्ते में दूरियां आ गईं।
अचानक पर्सनल (Personal) और प्रोफेशनल (Professional) दोनों ही तरह से विवेक की जिंदगी में दर्द पसर गया। लेकिन आखिर अचानक ऐसा क्या हुआ इन सब के पीछे क्या कारण था? हाल ही में एक मीडिया बातचीत में विवेक ओबेरॉय ने इस पर बात की है।
18 महीने तक खाली हाथ बैठे रहे विवेक ओबेरॉय
Aishwarya Rai से ब्रेकअप के बाद विवेक की न सिर्फ निजी जिंदगी में दर्द आया, बल्कि पेशेवर लाइफ में भी सन्नाटा छा गया। हाल ही में एक्टर ने कहा कि वह 18 महीने तक खाली हाथ बैठे रहे थे।
विवेक ने कहा, ‘इतनी शानदार फिल्में देने के बाद मेरे पास काम नहीं था।’ उन्होंने कहा कि इस दौरान वह फिल्मों के ऑडिशन (Audition) देने जाते थे और किसी को यह तक भनक नहीं लगने देते थे कि वह सुरेश ओबेरॉय (Suresh Oberoi) के बेटे हैं। इस दौरान उनके मन में कई बुरे ख्याल आए। यहां तक उन्होंने सब खत्म करने का फैसला भी ले लिया था।
मां और पत्नी का मिला साथ
विवेक ओबेरॉय ने इस दौरान यह भी कहा कि बॉलीवुड (Bollywood) को तब पांच से दस लोग कंट्रोल (Control) करके रखते थे और एक परसेप्शन (Perception) सेट कर दिया करते।
विवेक ओबेरॉय ने आगे कहा कि अब OTT के आने से चीजें काफी बदली हैं। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि जो कुछ भी उनके साथ हुआ उसे लेकर उनके मन में कोई कड़वाहट नहीं है।
वह जिंदगी में आगे बढ़ चुके हैं। मूव ऑन कर चुके हैं और इसमें उनकी पत्नी प्रियंका (Priyanka) और मां ने खूब सहारा दिया है।
सुशांत सिंह राजपूत के दर्द को मैं समझ सकता हूं
बातचीत के दौरान विवेक ओबेरॉय ने सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) के नाम का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि बॉलीवुड में जिस दर्द से सुशांत सिंह राजपूत गुजरे, वह उसे समझ सकते हैं।
एजेंडा (Agenda) इंसान को तोड़ देता है। इसके अलावा उन्होंने अपनी पत्नी प्रियंका के सपोर्ट का जिक्र किया। विवेक ने कहा कि प्रियंका ने उन्हें हर तरह से सहारा दिया।
इसके अलावा उन्होंने मां के सपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि जिंदगी में दोबारा खड़े होने की हिम्मत उन्हें अपनी मां से मिली है। और उनके बुरे वक्त में उनकी मां और पत्नी प्रियंका ही थी जिन्होंने उन्हें संभाला और दोबारा खड़े होने की हिम्मत थी।