नई दिल्ली: भारत और नेपाल (India and Nepal) ने शुक्रवार को 16वां संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण अभ्यास (Joint Military Training Exercise) शुरू किया, जिसमें आतंकवाद रोधी सैन्य कौशल (Counter Terrorism Military Skills) के साथ-साथ आपदा प्रबंधन से संबंधित जंगल युद्ध में सैद्धांतिक और व्यावहारिक अनुभव साझा किए जाएंगे।
नेपाल-भारत सीमा (Nepal-India border) के पास लुंबिनी जोन (Lumbini Zone) के रूपनदेही जिले के सालझंडी में हो रहे ‘सूर्य किरण’ सैन्य प्रशिक्षण अभ्यास में हिस्सा लेने के लिए भारतीय सेना (Indian Army) का एक दल बुधवार को नेपाल पहुंचा था।
नेपाल सेना (Nepal Army) द्वारा जारी एक प्रेस बयान में कहा गया है कि संयुक्त सैन्य अभ्यास में आपदा प्रबंधन और आतंकवाद रोधी प्रथाओं के तहत राहत कार्य एवं चिकित्सा उपचार शामिल है।
सैन्य अभ्यास 29 दिसंबर तक चलेगा
नेपाल की सेना के अधिकारी बिमा कुमार वागले संयुक्त सैन्य अभ्यास में नेपाल के 334 सदस्यीय दल का नेतृत्व कर रहे हैं जबकि भारतीय सेना के कर्नल हिमांशु बहुगुणा (Karnal Himanshu Bahuguna) 334 सदस्यीय दल का नेतृत्व कर रहे हैं। यह सैन्य अभ्यास 29 दिसंबर तक चलेगा।
‘सूर्य किरण’ अभ्यास प्रतिवर्ष नेपाल और भारत में आयोजित किया जाता है। संयुक्त अभ्यास का 15वां संस्करण भारत के पिथौरागढ़ में आयोजित किया गया था।
नेपाल कै सैन्य मुख्यालय के अनुसार, संयुक्त अभ्यास के दौरान सैनिक विद्रोह और आतंकवाद-रोधी सैन्य कौशल और आपदा प्रबंधन से संबंधित जंगल युद्ध के सैद्धांतिक ज्ञान का अभ्यास करेंगे।
दोनों देशों के सैन्यकर्मी एक-दूसरे के सैद्धांतिक, व्यावहारिक और विशेष अनुभवों को भी साझा करेंगे।
नेपाल-भारत का ‘रोटी-बेटी’ का संबंध
भारत के लिए नेपाल इस क्षेत्र में समग्र रणनीतिक हितों के संदर्भ में महत्वपूर्ण है और दोनों देशों के नेता अक्सर सदियों पुराने ‘रोटी-बेटी’ संबंध का उल्लेख करते हैं।
भारत और नेपाल 1,850 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं और यह सीमा भारत के पांच राज्यों – सिक्किम, पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के साथ लगती है। नेपाल माल और सेवाओं के परिवहन के लिए भारत पर बहुत अधिक निर्भर है।