देवघर: स्थानीय आर मित्रा इंटर स्तरीय विद्यालय (R Mitra Inter Level School) भवन में आम सभा को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री Hemant Soren ने कहा कि सरकार ने स्थानीय युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए 1932 को खतियानी आधार माना है ताकि स्थानीय युवाओं को भरपूर लाभ मिल सके।
उन्होंने कहा कि यह झारखंडी और मूलवासियों के अधिकार की यात्रा है।
केंद्र सरकार (Central government) को आड़े हाथों लेते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि आज महंगाई चरम पर है। पहले जब 5 रुपये महंगाई बढ़ती थी तो भाजपा के लोग सड़क पर उतर कर कहते थे कि महंगाई डायन हो गयी है लेकिन अब बेतहाशा महंगाई होने के बाद भी जैसे भौजाई हो गयी है।
उन्होंने कहा कि देश में उद्योग एवं रुपये की कीमत लगातार कम होती जा रही। आजादी के बाद वर्तमान दौर सबसे अराजक स्थिति में है।
मूलवासियों की जगह जाली प्रमाण पत्रों पर बाहरी लोग काम कर रहे हैं
सोरेन ने स्थानीय सांसद निशिकांत दूबे (Nishikant Dubey) का नाम लिए बगैर कहा कि झारखंड को ठग प्रदेश कहने वाले और झारखंडी मूलवासी बेइज्जत करने वाले बड़बोले को न सिर्फ सबक सिखाएंगे, बल्कि ठंडा भी कर देंगे।
उन्होंने उपस्थित जनसमुदाय का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि झारखंड के मूलवासियों की जगह जाली प्रमाण पत्रों पर बाहरी लोग काम कर रहे हैं।
मंच पर मंत्री बादल पत्रलेख, सत्यानंद भोक्ता, विधायक प्रदीप यादव समेत गठबंधन के अन्य कई नेता मौजूद थे। कार्यक्रम की समाप्ति के बाद मुख्यमंत्री देवघर हवाई अड्डे (Deoghar Airport) से रांची के लिए प्रस्थान कर गए ।