रांची: रांची के Hotwar स्थित बिरसा मुंडा केन्द्रीय कारागार (Birsa Munda Central Jail) में रविवार को जेल अदालत सह विधिक जागरुकता शिविर का आयोजन किया गया।
आठ मामले जेल अदालत में रखे गए थे। इनमें चार मामलों का निष्पादन किया गया। जेल से चार कैदी रिहा किए गए।
शिविर को संबोधित करते हुए रांची जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव राकेश रंजन (Rakesh Ranjan) ने कहा कि छोटी-छोटी गलतियों के कारण लोगों को कारावास की सजा भुगतनी पड़ती है।
इसलिए कोई भी कार्य को करने से पहले सोच-विचार लेना बेहद जरूरी है। उन्होंने बंदियों को उनके अधिकारों की जानकारी दी।
रेलवे न्यायिक दंडाधिकारी अक्षय शर्मा एवं न्यायिक दंडाधिकारी श्रद्धा भूषण (Shraddha Bhushan) ने बंदियों को कानून की जानकारी दी।
रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा केन्द्रीय कारा के अधीक्षक हामिद अख्तर ने बंदियों को उनके अधिकार एवं दायित्वों के बारे में बताया।
चार बंदियों को किया गया जेल से रिहा
उन्होंने शिविर में आये लॉ के छात्र-छात्राओं की ओर से पूछे गये प्रश्नों का उत्तर दिया। उन्होंने कहा कि किसी भी बंदी को कोई परेशानी है, तो वे उनसे संपर्क कर सकते हैं।
शिविर के बाद न्यायाधीशों और लॉ के छात्र-छात्राओं की ओर से बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल (Birsa Munda Central Jail) का भ्रमण किया गया। इस दौरान उन्होंने जेल में बंदियों की ओर से निर्मित वस्तुओं की जानकारी ली।
जेल अदालत में छोटे अपराध के कुल आठ मामलों को जेल अदालत में रखा गया था। इनमें कुल चार मामलों का निष्पादन हुआ। इस दौरान चार बंदियों को जेल से रिहा किया गया। इस अवसर पर कारापाल, 36 न्यायिक प्रशिक्षु सहित Jail के बंदी उपस्थित थे।