पटना: सारण (Saran) में जहरीली शराब कांड के मृतक के परिवारों से मिलकर लौटने के बाद राज्यसभा सांसद (Rajya Sabha MP) एवं पूर्व उप मुख्यमंत्री (CM) सुशील कुमार मोदी ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस (Press Conference) में मुख्यमंत्री (CM) नीतीश कुमार (Nitish Kumar) पर जमकर बरसे और उनसे इस्तीफे की मांग की।
सुशील मोदी ने कहा कि शराबबंदी नीति में मौत पर 4 लाख मुआवजा (Penalty) का प्रावधान है। बिहार उत्पाद अधिनियम 2016 की धारा 42 में 4-4 लाख मुआवजे का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि गोपालगंज शराब कांड में 14 परिवारों को चार-चार लाख मुआवजा दिया गया तो फिर सारण (Saran) के मृतक परिवारों को मुआवजा क्यों नहीं दिया जाएगा?
उन्होंने कहा कि ऐसे में मुख्यमंत्री (CM) नीतीश को गलत बयानबाजी करने के लिए पद से इस्तीफा देना चाहिए।
मोदी ने कहा कि सारण में जहरीली शराब (Denatured Alcohol) से सत्तर से अधिक लोगों की मौत के बाद भी बिहार के मुखिया नीतीश कुमार को कोई गम नहीं है। नीतीश कुमार कह रहे कि जो पियेगा वो मरेगा। हम और इसका प्रचार करायेंगे।
मौत के बाद आश्रितों को मुआवजा देने का तो सवाल ही पैदा नहीं होता है। विपक्ष मुआवजे की मांग को लेकर सदन से लेकर सड़क तक आंदोलन कर रहा।
उन्होंने कहा 2016 में शराबबंदी लागू होने के बाद पहली दफे 15 अगस्त, 2016 को गोपालगंज में हुए जहरीली शराब कांड में 19 लोगों की मौत हुई थी। तब सरकार (Government) ने मृतक के परिजनों को 4-4 लाख का मुआवजा दिया था।
सरकार अब छपरा-सीवान में जहरीली शराब पीने मरने वाले के परिजनों को क्यों नहीं मुआवजा दे रही? आखिर बिहार सरकार की पॉलिसी (Policy) क्या है?
पॉलिसी में प्रावधान है कि शराब पीने से मौत के बाद परिजनों को 4-4 लाख देना है लेकिन यह राशि शराब बेचने वाले से लेकर दी जायेगी।
मुआवजा के लिए प्रकाशित किया गया था बिहार गजट
उन्होंने बताया कि बिहार सरकार ने 2 अक्टूबर, 2016 को बिहार मद्य निषेध और उत्पाद अधिनियम का गजट प्रकाशित कराया था। इसमें 100 पॉइंट्स दिए गए हैं, जिसमें शराबबंदी कानून से जुड़ी पूरी जानकारी दी गई है।
बिहार गजट के 42वें नंबर पर ”प्रतिकर (कम्पसेशन) भुगतान करने के लिए कलेक्टर (Collector) द्वारा आदेश” दिए जाने से संबंधित जानकारी दी गई है।
इसके 42 वें नंबर के प्रथम पैरा में लिखा गया है कि ”दंड प्रक्रिया संहिता 1973 (1974 का 2) में इस अधिनियम के अधीन कलेक्टर (DM) को अधिकार है।
आदेश पारित करते समय यदि उसे लगता है कि किसी स्थान पर बेचे गए शराब के सेवन के कारण किसी व्यक्ति की मृत्यु हुई या बीमार हुआ है तो वह निर्माता/ विक्रेता चाहे वह किसी अपराध में दोष सिद्ध हुआ हो या नहीं, प्रतिकर के रूप में प्रत्येक मृतक के प्रतिनिधि को कम से कम 4 लाख रुपये, गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त व्यक्ति (Seriously Injured Person) को 2 लाख रुपये एवं किसी अन्य चोट खाने वाले व्यक्ति को 20 हजार रुपये भुगतान करने का आदेश देगा।
जिले का कलेक्टर लोक मांग वसूली अधिनियम के तहत लोक मांग के रूप में उक्त प्रतिकर विक्रेता-निर्माता से वसूल कर सकेगा।