रांची: झारखंड विधानसभा (Jharkhand Assembly) का शीतकालीन सत्र (Winter Session) सोमवार से शुरू हो गया है। सत्र का आगाज हंगामे के साथ हुआ।
सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही BJP विधायकों (BJP MLAs) ने विधानसभा (Assembly) के मुख्य द्वार पर जमकर नारेबाजी और प्रदर्शन किया।
साहिबगंज (Sahibganj) जिले की रबिता पहाड़िया हत्याकांड (Rabita Paharia Murder Case) के मामले पर विपक्ष ने दिलदार अंसारी को फांसी देने की मांग को लेकर हंगामा (Ruckus) किया।
झारखंड का इस्लामीकरण बंद करो, रबिता पहाड़िया के हत्यारे दिलदार अंसारी को फांसी दो, कोयला चोरी बंद करो के नारे लगाए।
कोर्ट ने सरकार के गलत नियोजन नीति को खारिज कर दिया
विपक्ष के विधायक (Oppositon MLA) मनीष जायसवाल ने कहा कि इस राज्य में न तो जनता सुरक्षित है और न ही खान खदान ही। उन्होंने कहा कि इस सरकार की मंशा जनता को सुविधा नहीं देना है बल्कि अपने लिए माल बनाना है।
उन्होंने कहा कि राज्य में हत्या, दुष्कर्म (Rape) की घटनाएं आम हैं। एक आदिम जनजाति की महिला को टुकड़े- टुकड़े में काटा जाता है और सरकार कुछ नहीं कर पा रही है।
नियोजन नीति को लेकर विपक्ष ने शुरू में ही आवाज उठाई थी लेकिन सरकार नहीं मानी। अब कोर्ट ने सरकार के गलत नियोजन नीति को खारिज कर दिया है।
चंदनकियारी (Chandankiyari) के विधायक (MLA) अमर कुमार बाउरी ने कहा कि राज्य सरकार तुष्टीकरण की राजनीति से ऊपर नहीं उठ पा रही है।
झारखंड में विधि व्यवस्था चरमराई हुई है, लेकिन राज्य सरकार को इस बात की कोई चिंता ही नहीं है। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी संथाल परगना में एक बेटी जिंदा जला दी गई थी।
इस तरह की घटना में सरकार की तरफ से कोई भी बयान नहीं आता है। जबकि संथाल परगना में मुख्यमंत्री (CM) की अच्छी पैठ है।