न्यूज़ अरोमा रांची: आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश कुमार महतो ने कहा है कि धरती आबा बिरसा मुंडा ने जल, जंगल, जमीन, खनिज की सुरक्षा और अस्मिता की खातिर अंग्रेजों और जमींदारों, शोषकों से लड़ाई लड़ी थी। उनकी जयंती के दिन 15 नवंबर को ही झारखंड अलग राज्य का गठन हुआ था। आज का दिन हर झारखंडी को गौरवान्वित करता है।
बिरसा मुंडा के उलगुलान और सपने नए आकार लें, इसके लिए युवा पीढ़ी को आगे आना होगा।सिल्ली के बंता में सुदेश कुमार महतो ने रविवार को बिरसा मुंडा की मूर्ति पर फूल माला चढ़ाकर भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी और सभा को संबोधित किया।
इधर रांची में भी आजसू के कार्यकर्ताओं ने बिरसा मुंडा को याद किया और उनके संघर्षों को नई मुकाम पर पहुंचाने का संकल्प लिया। महतो ने कहा कि झारखंड आज 21वें बरस में दाखिल हो रहा है। 20 वर्षों में झारखंड ने क्या हासिल किया है और सफर कितना बाकी है, इसे लेकर बहस, विश्लेषण होता रहता है। लेकिन हमें बिरसा मुंडा के विचारों को उनके साहस और संघर्ष को आत्मसात करना होगा।
युवा पीढ़ी पर झारखंड को सजाने- संवारने की अहम जिम्मेदारी है। बिरसा के सपने पूरे हों, यह संकल्प बार- बार दोहराये जाने और राज्य के नवनिर्माण के लिए मिलजुलकर नई तस्वीर गढ़ने की जरूरत है। 15 नवंबर 2000 को हमें अलग राज्य के तौर पर भौगोलिक, प्रशासनिक, भाषाई, सांस्कृतिक, परंपरा पर अधिकार तो मिला, लेकिन संतुलित, सम्यक विकास और भविष्य का तानाबाना किस मुकाम पर खड़ा है, इसे बारीकी से जानने- समझने की जरूरत है।
महतो ने कहा कि महज 25 साल की उम्र में बिरसा के उलगुलान ने इतिहास रच दिया। इतिहास का वह पन्ना कभी मिटने वाला नहीं। लेकिन बिरसा के सपने साकार करने की जिम्मेदारी हर एक झारखंडी पर है। वक्त का तकाजा है कि इसकी अगुवाई युवा पीढ़ी करे।