नई दिल्ली: चीन-जापान (China-Japan) में ओमिक्रॉन के नए Variant BF.7 के का प्रकोप देखने को मिल रहा है। इसी बीच अब अमेरिका में Omicron के एक नए सब-वैरिएंट का कहर देखा जा रहा है।
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) द्वारा शुक्रवार 30 दिसंबर को प्रकाशित आंकड़ों के अनुसार अमेरिका में ओमिक्रॉन के XBB.1.5 वैरिएंट ने मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
अमेरिका में इस समय के 40 फीसदी से अधिक Corona के मामलों के लिए इसी सब-वैरिएंट को प्रमुख कारण माना जा रहा है। पिछले हफ्ते की तुलना में इस वैरिएंट के कारण संक्रमण की मामले दो दुना तक बढ़े हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह ओमिक्रॉन के अब तक के सभी Sub-Variants की तुलना में अधिक समस्याकारक हो सकता है।
भारत के गुजरात में मिला था यह वेरिएंट
बता दें भारत में भी XBB.1.5 वैरिएंट से संक्रमण के पहले मामले की पुष्टि की गई है। इंडियन सार्स-सीओवी-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (Indian SARS-CoV-2 Genomics Consortium) की रिपोर्ट के मुताबिक गुजरात में इस नए वैरिएंट का पहला मामला सामने आया है।
जिस तरह से इसके कारण न्यूयॉर्क में हालात बिगड़ते देखे गए हैं, ऐसे खतरे को ध्यान में रखते हुए भारत को भी विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
जानिए XBB.1.5 वैरिएंट के बारे में
अमेरिका का कई हिस्सों में खासकर न्यूयॉर्क में XBB.1.5 वैरिएंट से संक्रमण के कारण स्थिति काफी अधिक बिगड़ने की खबरें सामने आई हैं।
वैज्ञानिकों ने शुरुआती अध्ययनों में पाया है कि यह XBB सब-वैरिएंट में हुए नए म्यूटेशन से उत्पन्न हुआ है जिसकी प्रकृति कई मामलों में चिंता बढ़ाने वाली है।
जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी में वायरोलॉजिस्ट एंड्रयू पेकोज बताते हैं XBB.1.5 अपने फैमिली के अन्य के सदस्यों से अलग है क्योंकि इसमें एक अतिरिक्त म्यूटेशन देखा जा रहा है जो इसे कोशिकाओं से बेहतर ढंग से बाइंड करने में मददगार हो सकता है।
ऐसे में यह अधिक संक्रामक होने के साथ शरीर में तेजी से बढ़कर गंभीर रोग विकसित कर सकता है।
वायरोलॉजिस्ट एंड्रयू पेकोज (Virologist Andrew Pekoz) कहते हैं, वायरस के बाइंडिंग की क्षमता इसे लोगों को अधिक आसानी से संक्रमित करने में मदद करती है।
न्यूयॉर्क की रिपोर्ट्स से पता चलता है कि यहां संक्रमितों के अस्पताल में भर्ती होने की दर भी बढ़ी है, जिससे साफ होता है कि यह सब-वैरिएंट अब तक के अन्य वैरिएंट्स की तुलना में न सिर्फ तेजी से लोगों को अपना शिकार बना सकता है साथ ही इससे गंभीर रोग विकसित होने का खतरा भी अधिक है।
वहीं शोधकर्ताओं की टीम ने पाया कि XBB.1.5, अन्य वैरिएंट्स की तुलना में अधिक आसानी से शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को चकमा देने में भी सफल हो रहा है।
भारत में संक्रमण की आशंका कम लेकिन सतर्क रहने की आवश्यकता
XBB सब-वैरिएंट सबसे पहले भारत में देखा गया था, जो दो अन्य वैरिएंट (BA.2.75 और BA.2.10.1 के पुनः संयोजन) से उत्पन्न हुआ था।
इसपर हुए अध्ययनों में वैज्ञानिकों ने न सिर्फ इसकी गंभीरता और संक्रामिकता को लेकर अलर्ट किया था साथ ही इसमें म्यूटेशन की भी आशंका जताई थी।
कोलंबिया विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने इस महीने की शुरुआत में जर्नल सेल में प्रकाशित एक अध्ययन में चेतावनी दी थी कि XBB-सब-वैरिएंट में होने वाला उत्परिवर्तन COVID-19 टीकों की प्रभावकारिता को और कम कर सकता है। यह संक्रमण के साथ-साथ गंभीर रोगों के खतरे को भी बढ़ाने वाला हो सकता है
भारत को इससे कितना खतरा?
COVID-19 को लेकर पलामू में स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट मोड में रहने के निर्देशरिपोर्टस के मुताबिक गुजरात में एक मामले के अलावा देश के अन्य किसी भी हिस्से से फिलहाल इस नए सब-वैरिएंट की पुष्टि नहीं है।
महाराष्ट्र में कोरोना के मामलों पर नजर रखने वाले अधिकारियों का कहना है कि यहां XBB सब-वैरिएंट के 275 से अधिक मामले रहे हैं, हालांकि अब तक इस नए सबवैरिएंट की पुष्टि नहीं है।
जिस तरह से अमेरिका में इससे संक्रमण के कारण हालात बिगड़े हैं इस खतरे को लेकर भारत को भी सावधान रहने की जरूरत है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, भारत में इसका असर ज्यादा नहीं होना चाहिए क्योंकि इसी परिवार के XBB वैरिएंट से यहां लोग पहले भी संक्रमित होकर ठीक हो चुके हैं, साथ ही यहां ज्यादातर लोग प्राथमिक और बूस्टर डोज भी ले चुके हैं।
हालांकि इसकी प्रकृति को देखते हुए Covid से बचाव को लेकर सख्ती बरतना बहुत जरूरी है। इसलिए लोगों को सावधानी बरतने की आवश्यकता है।