नई दिल्ली: नए साल का आगाज सब होने ही वाला हैं इसके साथ यह नव वर्ष (New year) राजनीतिक रूप से काफी महत्वपूर्ण होगा है।
ऐसा इसलिए क्योंकि साल 2023 विभिन्न राजनीतिक पार्टियों (Political Parties) के लिए चुनावी (Election) जंग का अखाड़ा बनने वाला है।
यह साल आने वाले समय में 2024 के Lok Sabha Elections के लिए रणनीति बनने वाला साल है। 2023 में देश के पूर्वोत्तर से लेकर पश्चिम और दक्षिण से लेकर मध्य भाग तक कम से कम नौ राज्यों में विधानसभा (Assembly) चुनाव होने हैं। आने वाला साल BJP विरोधी पार्टियों के लिए भी अहमियत रखता है जो एकजुट होने के लिए मुखर हो रही हैं।
2023 में राजस्थान मध्य प्रदेश कर्नाटक छत्तीसगढ़ तेलंगाना त्रिपुरा मेघालय नागालैंड (Nagaland) और मिजोरम में विधानसभा चुनाव हैं।
इसके अलावा अगर सब कुछ ठीक रहा तब सरकार अगले साल J&K में विधानसभा चुनाव भी करा सकती है। इस हिसाब से 2023 के चुनावी मुकाबलों को 2024 के लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल (Semifinal) माना जा सकता है।
यह नया साल कांग्रेस (Congress) पार्टी के लिए भी काफी अहम होने वाला है। राजस्थान और छत्तीसगढ़ दो इसतरह के राज्य हैं जहां कांग्रेस की सरकार है।
इसकारण यह कहना शायद गलत नहीं होगा कि कांग्रेस के लिए अस्तित्व की लड़ाई चल रही है जिसे हाल ही में हुए हिमाचल चुनावों में जीत के बाद कुछ हद तक राहत की सांस मिली है।
इन राज्यों में है 2023 चुनावी साल…
राजस्थान में Congress ने 2018 में 200 सीट वाली विधानसभा में 100 सीटें जीतकर BJP से सत्ता छीनी थी। 2013 में 163 सीटें जीतकर प्रचंड बहुमत हासिल करने वाली BJP को 2018 में सिर्फ 73 सीटें ही मिली थी। राज्य में 2023 में फिर से BJP और कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर देखने को मिलेगी।
राजस्थान में 1990 से सत्ता कभी BJP तब कभी कांग्रेस के हाथ रही है। हालांकि CM अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच अनबन की बातें कांग्रेस के लिए सिरदर्द साबित होगी हैं।
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने पिछले चुनाव में BJP के 15 साल के राज को खत्म करते हुए 90 सदस्यीय विधानसभा में 68 सीटें जीतकर प्रचंड बहुमत हासिल किया था। BJP को सिर्फ 15 सीटें मिली थीं।
हाल ही में हुए भानुप्रतापपुर उपचुनाव में भी सत्तारूढ़ कांग्रेस ने सीट बरकरार रखी। वहीं मध्य प्रदेश में 2018 में पिछले विधानसभा चुनाव के बाद एक बड़ा राजनीतिक नाटक देखा गया जब कमलनाथ BJP के 15 साल के शासन को खत्म कर CM बने।
हालांकि शिवराज सिंह चौहान दो साल बाद सत्ता में लौट आए दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस के 22 मौजूदा विधायकों ने BJP में शामिल होकर कांग्रेस से इस्तीफा (Resignation) दे दिया था। अब इन दोनों राज्यों में भी 2023 चुनावी साल है।
कर्नाटक में भी 2023 में चुनाव होने हैं। साल 2018 के Assembly Elections में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिलने के बाद सियासी बवाल मच गया था।
त्रिशंकु विधानसभा के बाद BS येदियुरप्पा को राज्यपाल ने मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई लेकिन बहुमत नहीं जुटा पाने के कारण इस्तीफा दे दिया।
बाद में कांग्रेस और जनता दल (सेक्युलर) ने CM के रूप में HD Kumaraswamy के साथ सरकार बनाने के लिए गठबंधन किया था। हालांकि 14 महीने बाद सत्तारूढ़ गठबंधन के एक दर्जन से अधिक विधायकों ने इस्तीफा दे दिया जिसके परिणामस्वरूप कुमारस्वामी सरकार गिर गई।
जुलाई 2019 में बीएस येदियुरप्पा फिर से मुख्यमंत्री के रूप में लौटे। हालांकि BJP ने पिछले साल जुलाई में येदियुरप्पा की जगह बसवराज बोम्मई को सीएम बना दिया था। कर्नाटक BJP के लिए बहुत महत्व रखता है क्योंकि यह दक्षिण का एकमात्र राज्य है जहां पार्टी का शासन है।
तेलंगाना के गठन के बाद से चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) सत्ता में है। अब राष्ट्रीय महत्वाकांक्षा के साथ केसीआर ने केंद्र में Modi Government का मुकाबला करने के लिए भारत राष्ट्र समिति के रूप में अपनी पार्टी को फिर से लांच किया है
। दूसरी ओर BJP तेलंगाना में पैठ बनाने की पुरजोर कोशिश कर रही है। हालांकि अब देखना यह होगा कि साल 2023 में होने वाले चुनाव में इस राज्य में BJP कैसा प्रदर्शन करती है।