साहिबगंज: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने कहा कि ग्रामीणों की सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक और बौद्धिक क्षमता में बढ़ोतरी सरकार का संकल्प है।
इसी मकसद से कई कल्याणकारी योजनाएं (Welfare Schemes) चल रही हैं। ये योजनाएं उनके दरवाजे तक यह पहुंचें, इसी लक्ष्य के साथ हम आगे बढ़ रहे हैं। मुख्यमंत्री गुरुवार को धरमपुर, पतना, साहिबगंज में परिसंपत्ति वितरण समारोह को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि अब योजनाएं कागजों-फाइलों में सिमटी नहीं रहेगी। योजनाओं को धरातल पर उतारा जा रहा है। इन योजनाओं के क्रियान्वयन पर सरकार की पूरी नजर है, ताकि हर जरूरतमंद और गरीब को इसका लाभ मिल सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि तमाम चुनौतियों के बीच ग्रामीण क्षेत्रों को पिछड़ापन के अभिशाप से मुक्ति दिलाने का संकल्प सरकार ने ले रखा है।
उन्होंने चिंता जताते हुए कहा कि हम एक तरफ चांद पर जाने की बात कर रहे हैं, तो दूसरी ओर ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी, पिछड़ापन, बेरोजगारी और कुपोषण (Unemployment And Malnutrition) जैसी कई समस्याएं व्याप्त हैं।
ग्रामीणों को आर्थिक रूप से बना रहे स्वावलंबी
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीणों को आर्थिक रूप से सक्षम और स्वावलंबी बनाने की दिशा में सरकार प्रयासरत है। इस कड़ी में मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना, बिरसा हरित ग्राम योजना, दीदी बाड़ी योजना और मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना जैसी तमाम योजनाएं शुरू की गई हैं।
आप इन योजनाओं से जुड़ें और दूसरों को भी जागरूक करें। इससे आप आत्मनिर्भर बनेंगे और ग्रामीण क्षेत्र भी मजबूत होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज जो कृषि के लिए नीति निर्धारण हो रहा है, उसका नतीजा है कि किसान खेती-बाड़ी छोड़कर मजदूरी करने को मजबूर है।
अगर किसान फसल नहीं उगाएगा तो जीविका कैसे चलेगी। ऐसे में किसानों की समस्याओं का समाधान और उनके हित में योजनाओं को बनाने की दिशा में हमारी सरकार काम कर रही है।
मुख्यमंत्री ने समारोह में सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना से आच्छादित बच्चियों से कहा कि आप पढ़ाई जरूर करें। किसी भी परिस्थिति में पढ़ाई कभी ना छोड़े ।
आपकी पढ़ाई के लिए सरकार ने कई योजनाएं शुरू की है। अगर आप IAS , JPSC , बैंकिंग या अन्य प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए कोचिंग करते हैं तो उसका खर्च सरकार देगी।
इतना ही नहीं, मेडिकल, इंजीनियरिंग, लॉ जैसे कोर्स की पढ़ाई में जो भी खर्च होगा, उसे भी सरकार उठाएगी। इसके साथ विद्यार्थियों के लिए सरकार ने 15 लाख रुपये तक की राशि उपलब्ध कराने का प्रावधान किया है ।
इतना ही नहीं, जो लोग स्वरोजगार करना चाहते हैं उनके लिए भी सरकार ने मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना (Chief Minister Self Employment Scheme) के तहत आर्थिक सहायता देने की योजना चला रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में दवाओं की किल्लत नहीं हो, इसकी व्यवस्था सरकार जल्द करने जा रही है । अब हर गांव में जेनेरिक दवाएं की व्यवस्था होगी।
इसके लिए गांव के ही पढ़े-लिखे नौजवानों को दवा दुकान खोलने की इजाजत दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि गांव में जरूरी दवाओं की उपलब्धता करने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है, ताकि इमरजेंसी (Emergency) में किसी बीमार को दवा का अभाव नहीं हो।
लाभुकों के बीच परिसंपत्तियों का वितरण, कई योजनाओं का शिलान्यास
मुख्यमंत्री ने मौके पर यूनिवर्सल पेंशन योजना, मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना, मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना, बिरसा हरित ग्राम योजना, सोना -सोबरन धोती साड़ी योजना और सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना जैसी कई योजनाओं के लाभुकों के बीच परिसंपत्तियों का वितरण किया।
उन्होंने JSLPS की सखी मंडलों को चेक प्रदान किया। सेविका और सहायिकाओं को नियुक्ति पत्र और ग्राम प्रधानों को प्रधानी पट्टा सौंपा।
वहीं, आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चे- बच्चियों को स्वेटर और गरीबों- जरूरतमंदों के बीच कंबल का वितरण किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने लगभग 61 करोड़ 25 लाख रुपये की योजनाओं का शिलान्यास किया।
इस मौके पर राजमहल सांसद विजय हांसदा, जिले के उपायुक्त आरएन यादव और एसपी अनुरंजन किस्पोट्टा (SP Anuranjan Kispotta) सहित अन्य पदाधिकारी और बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।