नई दिल्ली: उत्तराखंड के हल्द्वानी (Haldwani) में रेलवे भूमि विवाद के कारण बेघर किए जा रहे हज़ारों परिवारों को उनके घरों से बेदखल करने के उत्तराखंड हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने के सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के फैसले का जमात-ए-इस्लामी हिन्द ने स्वागत किया है।
शनिवार को जमात मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन (Press Conference) में जमात के पदाधिकारियों ने कहा कि हल्द्वानी में मकानों के ध्वस्तीकरण पर सुप्रीम कोर्ट का स्थगनादेश देशवासियों का न्यायपालिका के प्रति विश्वास और मजबूत करेगा।
संवाददाता सम्मेलन को जमात के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष इंजीनियर मोहम्मद सलीम तथा मीडिया सह सचिव सैयद ख़लीक अहमद और एपीसीआर सेक्रेटरी नदीम ख़ान (APCR Secretary Nadeem Khan) ने संयुक्त रूप से संबोधित किया।
इस अवसर पर जमात-ए-इस्लामी हिन्द ने कई दीगर मुद्दों पर भी मीडिया से अपनी बात साझा की, जिनमें महिला अपराधों के प्रति समाज में बढ़ती असंवेदनशीलता, कर्नाटक और अन्य राज्यों में बढ़ती सांप्रदायिकता, साल 2022 के विभिन्न सूचकांक में भारत की स्थिति जैसे मुद्दे शामिल रहे।
महिलाओं के खिलाफ अपराधों के 4.2 लाख से अधिक मामले सामने आए
जमात-ए-इस्लामी हिंद (Jamaat-e-Islami Hind) के पदाधिकारियों ने राजधानी में लगभग 12 किलोमीटर तक कार के जरिए घसीटी गई अंजलि सिंह की दुखद मौत, छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में एक महिला को स्क्रूड्राइवर से 51 बार गोद कर मारे जाने, पश्चिमी दिल्ली में स्कूल जाते समय 17 वर्षीय लड़की पर तेजाब से हमले और नई दिल्ली में 27 वर्षीय लड़की की उसके साथी के जरिये कथित तौर पर हत्या कर के उसके 35 टुकड़े किए जाने जैसे मामलों पर चिंता व्यक्त की।
उन्होंने कहा कि ये घटनाएं एक महिला के जीवन और उसकी गरिमा के प्रति समाज की बढ़ती उदासीनता और उपेक्षा की ओर इशारा करते हैं।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के नवीनतम आंकड़ों का हवाला देते हुए जमात नेताओं ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराधों के 4.2 लाख से अधिक मामले सामने आए हैं, जो पिछले वर्ष की तुलना में 15 प्रतिशत अधिक हैं।
कर्नाटक और अन्य राज्यों में बढ़ती सांप्रदायिकता पर भी जमात नेताओं ने गंभीर चिंता व्यक्त की है। जमात ने विभिन्न सूचकांक में भारत की स्थिति पर चिंता जताई।
2023 हमारे देश के लिए बेहतर समय लाएगा
जमात ने कहा कि विभिन्न सूचकांक में हमें मिली खराब रेटिंग और रैंकिंग जैसे मानव विकास सूचकांक, वैश्विक पर्यावरण प्रदर्शन सूचकांक, ग्लोबल हैप्पीनेस इंडेक्स, ग्लोबल जेंडर गैप इंडेक्स, ग्लोबल हंगर इंडेक्स, भ्रष्टाचार सूचकांक आदि में प्राप्त हुई है।
नए वर्ष पर उम्मीद जताते हुए जमात नेताओं ने कहा कि 2023 हमारे देश के लिए बेहतर समय लाएगा। एकजुट रहना और नफरत व कट्टरपंथी ताकतों के जरिए उठाए गए भावनात्मक मुद्दों (Emotional Issues) के बहकावे में नहीं आना महत्वपूर्ण है।
भारत सफलता के शिखर पर तभी पहुंच सकता है, जब वह अपने सभी नागरिकों को समान अधिकार और अवसर देने के लिए तैयार हो।