रांची : झारखंड सहायक प्राध्यापक संघ झारखंड, रांची विश्वविद्यालय इकाई की बैठक हुई।
रांची विश्वविद्यालय इकाई के घंटी आधारित सहायक प्राध्यापक संघ के अध्यक्ष डा. त्रिभुवन शाही सहित सभी सहायक प्राध्यापक ने सरकार द्वारा कैबिनेट की बैठक में ली गयी निर्णय जिसके तहत व्याख्याता नियुक्ति में नैक ग्रेड के आधार पर PHD की डिग्री में वरीयता देने वाली पूर्व निर्णय को अमान्य किया।
साथ ही यू.जी.सी के नियमावली को लागू किया। सरकार द्वारा पहले लिए गए निर्णय को संघ द्वारा बहुत विरोध दर्ज किया गया था, जिसे छात्र संघ सहित गेस्ट फैकल्टी संघ, महाविद्यालय शिक्षक संघ ने भी समर्थन दिया था।
कैबिनेट सदस्य को दिया धन्यवाद
महासचिव डॉ. रामकुमार तिर्की ने हर्ष व्यक्त करते हुए कैबिनेट सदस्य को धन्यवाद दिया साथ ही यह भी मांग किया कि सहायक प्राध्यापकों के अथक योगदान से आज रांची विश्वविद्यालय सहित संबंधित महाविद्यालय में पढ़ाई हो रही है।
वर्तमान में नामांकन सहित कापी जांच, महाविद्यालय के अन्य कार्य हो रही है। विदित हो कि, 2018 एक्ट के पृष्ठ संख्या- 50 में उल्लेखित बिंदु संख्या- 13.0 के अनुसार किसी भी विश्वविद्यालय में अनुबंध पर कार्यरत सहायक प्राध्यापकों का न्यूनतम मानदेय 57,700/- से कम नहीं होनी चाहिए। इसे भी अक्षरसतः लागू करनी चाहिए।
कम वेतन से नहीं चल रहा था जीवन
यू.जी.सी रेगुलेशन के अनुसार न्यूनतम ग्रेड पे या ग्रौस सैलरी नहीं मिलने के कारण असिस्टेंट प्रोफेसर के सीधी नियुक्ति में शैक्षणिक अनुभव का लाभ- न तो केंद्रीय विश्वविद्यालयों में मिल रहा है और ना ही किसी राज्य स्तरीय विश्वविद्यालयों की नियुक्ति प्रक्रिया में प्राप्त हो रही हैl विदित हो कि वर्तमान में घंटी आधारित शिक्षकों का भविष्य अधर में लटक रहा है।
सभी के साथ भविष्य की चिंता है उच्चतर शिक्षा प्राप्त कर भी अभी प्रति माह वेतन तक निर्धारित नहीं हो पाया है जिससे न तो जीवन चल रहा है न तो आर्थिक स्थिति सुधर रही है। राज्य के उच्च शिक्षा विभाग, कुलपति, कुलाधिपति सहित मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का भी ध्यान हमारी ओर नहीं है।
बैठक में ये प्राध्यापक रहे उपस्थित
इसलिए कुलाधिपति, राज्य के मुख्यमंत्री सहित सभी उच्च शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों से आग्रह किया गया है फिक्स मानदेय देने का कृपा की जाय। धन्यवाद देने वाले में डॉ निरंजन महतो, डॉ त्रिभुवन शाही, डा. अंशुल, डॉ. उषा, डा कन्हैया लाल, डॉ. रामकुमार, डॉ मुकेश उरांव, डॉ राजश्री सहित सभी घण्टी आधारित सहायक प्राध्यापक थे।