पाकुड़: जिले में चार चिटफंड कंपनियों पर करोड़ों रुपये के घोटाले का आरोप लगा है। प्रशासन की ओर से इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कराई की गई थी। इसमें रांची से सीबीआई की टीम जांच करने पाकुड़ पहुंची है। जहां 14 जनवरी तक सीबीआई की टीम कैंप लगाकर चार चिटफंड कंपनियों के खिलाफ सबूत इकट्ठा करने का काम करेगी।
करोड़ों के गबन का है मामला
कुल चार चिटफंड कंपनी की ओर से पाकुड़ जिले के पाकुड़ मुख्यालय व महेशपुर से करीब एक करोड़ से अधिक राशि का गबन मामले के अनुसंधान को लेकर पाकुड़ परिसदन पहुंची। सीबीआई की टीम ने दस एजेंट व निवेशकों से उनका पक्ष जाना। अनुसंधान के क्रम में निवेशकों द्वारा दिए गए कागजातों की बारकी से जांच की गई। साथ ही निवेशकों को कम्पनी द्वारा मुहैया कराए गए हार्ड कॉपी सीबीआई की टीम को उपलब्ध कराने की बात कही गई।
14 जनवरी तक सीबीआई टीम
गौरतलब हो कि सीबीआई निरीक्षक सह कांड के अनुसंधानकर्ता मुकुंद कुमार कर्ण के नेतृत्व में दस जनवरी से आगामी 14 जनवरी तक टीम कैम्प कर निवेशकों द्वारा उपलब्ध कराए गए साक्ष्य को जमा करेंगे। प्रथम दिन आठ निवेशकों ने विभिन्न चिटफंड कंपनियों में जमा किए गए राशि से संबंधित रसीद व कागजात को दिखाया। हालांकि अबतक एक भी निवेशकों द्वारा सीबीआई की टीम को संबंधित साक्ष्य की हार्ड कॉपी उपलब्ध नहीं कराई गई है।
करीब 40 लोगों को बनाया गया आरोपी
सीबीआई निरीक्षक सह कांड के अनुसंधानकर्ता मुकुंद कुमार कर्ण ने बताया कि पाकुड़ जिला के पाकुड़ व महेशपुर में वर्ष 2010 से 13 के बीच इंडेन निर्माण लिमिटेड, स्मार्ट हाई राईज लिमिटेड व जीडीआई मलटी सर्विसेस लिमिटेड चिटफंड कंपनी का चार्टशीट न्यायालय को सुपुर्द किया जाना है। इन कंपनियों में करीब 40 लोगों को आरोपी बनाया गया है। उन्होंने निवेशकों से अपील किया कि जो साक्ष्य उपलब्ध हो वह कैम्प में पहुंचकर हार्ड कॉपी सुपुर्द करें ताकि समय पर इन कंपनियों के विरूद्ध चार्टशीट दाखिल किया जा सके।
रातों रात कार्यालय बंद कर फरार हो गईं नन बैंकिंग कंपनियां
उन्होंने बताया कि जिले में जिन नन बैंकिंग कंपनियों ने अपना कार्यालय खोला था। प्रशासन ने जब इन नन बैंकिंग कंपनियों की जांच शुरू की तो सभी नन बैंकिंग कंपनियां रातों रात कार्यालय बंद कर फरार हो गईं। प्रशासन की ओर से प्राथमिकी दर्ज की गई थी जिस पर सीबीआई जांच कर रही है। सीबीआई के अनुसंधानकर्ता ने निवेशकों से अपील करते हुए कहा कि उनके पास जो भी साक्ष्य उपलब्ध हों। उसकी हार्ड कॉपी कैंप में सुपुर्द करें ताकि कंपनियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया जा सके।