नई दिल्ली: शारीरिक सहनशक्ति फायरिंग (Physical Endurance Firing) और युद्धकौशल के अलाव अब मिक्स मार्शल आर्ट्स (Mixed Martial Arts) भी अब भारतीय जवानों (Indian Soldiers) की ट्रेंनिंग का हिस्सा होगा।
इसे आर्मी मार्शल आर्ट्स रूटीन नाम दिया गया है। सेना ने बताया कि इसके माध्यम से सैनिकों को तेज धार वाले हथियार का निहत्थे सामना करने के लिए सक्षम बनाया जाएगा।
12 लाख जवानों ने इस स्पेशल मार्शल आर्ट्स (Special Martial Arts) की शुरुआत की है। इस ट्रेनिंग की मदद से जवानों को बिना हथियारों के ही लड़ना सिखाया जाएगा।
भारतीय सैनिकों को मिक्स्ड मार्श आर्ट की एडवांस लेवल की ट्रेनिंग दी जाएगी
इस खास तरह के मार्शल आर्ट्स को भारतीय सेना के लिए डिजाइन किया गया है। आर्मी मार्शल आर्ट्स रूटीन की मदद से भारतीय सैनिकों (Indian Soldiers) को मिक्स्ड मार्श आर्ट युद्ध अभ्यास की बेसिक और एडवांस लेवल की ट्रेनिंग दी जाएगी।
इस अनआर्म्ड कॉम्बैट (Unarmed Combat) को सेना में काम करने वाले सभी जवानों के लिए अनिवार्य रूप से शामिल किया गया है। यह ट्रेनिंग लेना सभी जवानों के लिए आवश्यक है।
एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि AMR के 99 प्रशिक्षकों का एक बैच पुणे के आर्मी इंस्टिट्यूट ऑफ फिजिकल ट्रेनिंग (Army Institute of Physical Training) में 5 हफ्तों की ट्रेनिंग ले चुका है।
इसके अलावा हमने ऐसे 700 प्रशिक्षकों को तैयार किया है जो जवानों को ट्रेनिंग एकेडमी अलग-अलग रेजिमेंटल सेंटर (Regimental Center) में प्रशिक्षित करेंगे।
AMR प्रोग्राम की घोषणा खुद आर्मी चीफ मनोज पांडे ने 15 जनवरी को हुए आर्मी परेड के अवसर पर दी थी।
ट्रेनिंग की मदद से जवानों को बिना हथियारों के लड़ना सिखाया जाएगा
इस ट्रेनिंग की मदद से जवानों को बिना हथियारों के लड़ना सिखाया जाएगा। सेना का कहना है कि कई बार ऐसी स्थिति आती हैं जब जवानों को बिना हथियारों के दुश्मन से लड़ना पड़ सकता है।
ऐसे में यह ट्रेनिंग (Training) उनके काम आ सकती है। आपको बता दें कि पर्वी लद्दाखके गलवान घाटी (Galvan Valley) में साल 2020 में हमारे जवानों ने बिना हथियारों के चीनी सैनिकों से लोहा लिया था। इस घटना में हमारे 20 सैनि शहीद भी हुए थे।