गढ़वा: बैरिया के बाद अब भंडरिया में आदमखोर तेंदुआ (Leopard) दिखा। भंडरिया वन क्षेत्र (Bhandaria Forest Area) के अधीन रमकंडा के कुशवार गांव में रात में पहुंच गया।
ग्रामीणों ने खेतों से छलांग लगाकर पेड़ों पर चढ़ते हुए Leopard को देखा। जिसके बाद इसकी सूचना वन विभाग को दी गई। रविवार को पहुंचे वन विभाग के अधिकारियों ने इसकी जांच की।
जांच में अधिकारियों ने पाया कि पेड़ों पर उसके नाखून के निशान हैं इसके अलावा तीन जगहों पर उसके फुटमार्क (Footprint) मिले; जिसकी पुष्टि वन विभाग के अधिकारियों ने की।
पेड़ पर बैठा था तेंदुआ
टीम में शामिल वन संरक्षक सह उतरी क्षेत्र के DFO दिलीप यादव, गढ़वा दक्षिणी वन क्षेत्र के DFO शशि कुमार, शूटर नवाब शपथ अली खान ने कुशवार गांव पहुंचकर ग्रामीणों से जानकारी ली।
गांव के ही मंसूर मंसूरी ने बताया कि शनिवार की शाम करीब सात बजे किसी जानवर के खेत से छलांग लगाकर पेड़ों पर चढ़ने की आवाज सुनाई दी।
उसके बाद अन्य ग्रामीणों के साथ टार्च लेकर खोजबीन (Search) की तो वो आराम से पेड़ पर बैठा था, लेकिन थोड़ी देर बाद तेंदुआ वापस जंगलों में निकल गया।
लगाया गया आटोमेटिक पिजंरा
वहीं वन विभाग की टीम ने ग्रामीणों को जागरूक किया और वन विभाग को सहयोग करने की बात कही। हालांकि अभी तक पशुओं पर तेंदुआ ने हमला नहीं किया है।
रविवार की रात तेंदुआ के देखे जाने वाली जगह से थोड़ी दूर पर ही नौ दिनों से आटोमेटिक पिजंरा (Automatic Cage) लगाया गया है। लेकिन अब तक तेंदुआ पिंजरे की ओर नहीं गया है।
रस्सी के सहारे लटकाया गया मांस का टुकड़ा
वन विभाग की टीम ने जंगलों किनारे पेड़ों पर रस्सी के सहारे मांस का टुकड़ा लटकाना शुरू किया है। टीम को उम्मीद है कि बकरे का मांस की खुशबू से तेंदुआ के आने की उम्मीद है।
इससे उसे ट्रेंकुलाइज (Tranquilize) किए जाने में सफलता मिल सकती है। इसके पहले शूटर की टीम ने पिंजरे में कुत्ता व सुअर के अलावे मुर्गा भी रख रही है।
वन संरक्षक दिलीप यादव ने तेंदुआ के फुटमार्क होने की पुष्टि करते हुए कहा कि आदमखोर तेंदुआ वयस्क है। आदमखोर होने के साथ-साथ वह शातिर भी है। विभाग उसे कैद करने का हर संभव प्रयास कर रहा है।