क्राइमझारखंड

अब और भी अधिक खूंखार हुआ तेंदुआ, घर में घुसकर बकरे को मार डाला

गढ़वा: जिले में पिछले 34 दिनों ने आतंक (Panic) का पर्याय बने आदमखोर तेंदुआ (Leopard) को पकड़ने का कोई तरकीब काम नहीं आ रहा है।

उसे फंसाने के लिए पिंजड़ा और पिंजड़ा के अंदर सुअर, मुर्गा रखा जा रहा है। उसके बाद भी वह नहीं फंस रहा है।

उसके विपरीत तेंदुआ का तेतरडीह गांव (Tetardih Village) निवासी मैनेजर साव के घर में घुसकर बकरे को मार डाला।

Leopard इतना शातिर है कि वह वन विभाग और शूटर शफत अली की टीम को हर दिन नया चुनौती दे रहा है।

 

अब और भी अधिक खूंखार हुआ तेंदुआ, घर में घुसकर बकरे को मार डाला- Now the leopard became even more dreaded, entered the house and killed the goat

शूटर शफत अली टीम के साथ मौके पर पहुंचे

तेतरडीह गांव में घर में घुसकर बकरे को मारने की सूचना पर शूटर शफत अली (Shooter Shafat Ali) टीम के साथ मौके पर पहुंचे। वहां घटना की जानकारी ली।

ग्रामीण मैनेजर साव ने बताया कि वह अपने घर में सोए हुए थे। बकरा (Goat) दूसरे कमरे में बंधा था। दरवाजा खुला था।

बताया जाता है कि रणनीति (Strategy) के तहत ग्रामीणों को सुझाव दिया है कि जहां जानवर बांध रहे हों उस कमरे का दरवाजा खोलकर रखा जाए।

ग्रामीणों (Villagers) को समझाया गया कि तेंदुआ लंबे समय से कोई शिकार नहीं किया है। उक्त कारण वह भुखा होगा।

अब और भी अधिक खूंखार हुआ तेंदुआ, घर में घुसकर बकरे को मार डाला- Now the leopard became even more dreaded, entered the house and killed the goat

तेतरडीह में तेंदुआ के होने की पुष्टि

वह लोगों को नुकसान पहुंचा सकता है। उसका आशंका देखते हुए ग्रामीण घर को पशु बांधे गए घर को खुला रखें। टीम की यह रणनीति काम आई।

टीम पहले से ही बैरिया, कुशवार, बरवा और तेतरडीह में होने का अनुमान लगा रही थी। अब तेतरडीह में Leopard के होने की पुष्टि हुई है।

28 दिसंबर के बाद यह पहला घटना है जब तेंदुआ ने घटना को अंजाम दिया।

उससे पहले तेंदुआ ने सुअर (Pig) को मारा था पर उसे खाया नहीं था। रविवार रात बकरे को मारने के बाद उसका कुछ हिस्सा खाया भी है।

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