नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि Wikipedia जैसे ऑनलाइन स्रोत क्राउड सोर्स्ड और यूजर जेनरेटेड एडिटिंग मॉडल (User Generated Editing Model) पर आधारित हैं। यह पूरी तरह से भरोसेमंद नहीं हैं और भ्रामक जानकारी को बढ़ावा दे सकते हैं।
जस्टिस सूर्यकांत (Justice Suryakant) और विक्रम नाथ की पीठ ने कहा कि यह उन प्लेटफार्मों (Platforms) की उपयोगिता को स्वीकार करता है जो दुनिया भर में ज्ञान तक मुफ्त पहुंच प्रदान करते हैं।
मगर कानूनी विवाद समाधान (Legal Dispute Resolution) के लिए उन्होंने इसतरह के स्रोतों का उपयोग करने के प्रति आगाह भी किया।
अकादमिक सत्यता के मामले में यह पूरी तरह से भरोसेमंद नहीं
बेंच ने कहा ज्ञान का खजाना होने के बावजूद हम ऐसा इस कारण से कहते हैं कि ये स्रोत क्राउड यानी भीड़ से मिली जानकारी और यूजर द्वारा उत्पन्न एडिटिंग मॉडल (Editing Model) पर आधारित हैं।
अकादमिक सत्यता के मामले में यह पूरी तरह से भरोसेमंद नहीं हैं। लिहाजा ये भ्रामक जानकारी को बढ़ावा दे सकते हैं।
सुप्रीम ने कहा कि…
सुप्रीम ने कहा कि अदालतों और न्यायिक अधिकारियों को वकीलों को अधिक विश्वसनीय और प्रामाणिक स्रोतों (Authentic Sources) पर भरोसा करने के लिए राजी करने का प्रयास करना चाहिए।
सेंट्रल एक्साइज टैरिफ एक्ट 1985 की पहली अनुसूची के तहत आयातित ऑल इन वन इंटीग्रेटेड डेस्कटॉप कंप्यूटर (All in One Integrated Desktop Computer) के सही वर्गीकरण के मामले में एक फैसले में ये टिप्पणियां आईं।