नई दिल्ली: रामसेतु (Ramsetu) को ऐतिहासिक स्मारक (Historical Monument) के रूप में मान्यता देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने केंद्र को अपना रूख बताने के लिए चार सप्ताह का वक्त दिया था।
इस पर मोदी सरकार (Modi Government) ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि रामसेतु को राष्ट्रीय विरासत स्मारक (National Heritage Monument) घोषित करने की प्रक्रिया अभी संस्कृति मंत्रालय में चल रही है।
दरअसल याचिकाकर्ता सु्ब्रमण्यम स्वामी ने 2020 में भी रामसेतु को ऐतिहासिक स्मारक के रूप में मान्यता देने की याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग की थी।
सुप्रीम कोर्ट (SC) ने BJP नेता सुब्रमण्यम स्वामी को कहा है कि वहां भी मंत्रालय को इस मुद्दे से संबंधित कोई भी दस्तावेज या अन्य सामग्री दे सकते हैं।
पोत मार्ग परियोजना का दूसरा मार्ग खोजना चाहती है
याचिकाकर्ता (Petitioner) स्वामी ने कहा है कि वह मुकदमे का पहला दौर जीत चुके हैं जिसके तहत केंद्र सरकार ने राम सेतु के अस्तित्व को स्वीकार किया था।
स्वामी ने विवादास्पद सेतुसमुद्रम पोत मार्ग परियोजना के खिलाफ अपनी जनहित याचिका में रामसेतु को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने का मुद्दा उठाया था।
इसके बाद मामला शीर्ष अदालत पहुंच गया जिसके बाद रामसेतु पर परियोजना के लिए काम रोक दिया गया था। इसके बाद केन्द्र ने कहा था कि वहां रामसेतु को बिना नुकसान पहुंचाए पोत मार्ग परियोजना का दूसरा मार्ग खोजना चाहती है।