नई दिल्ली: एम्स, नई दिल्ली के वर्ष 2018-19 के 47वें दीक्षांत समारोह में सोमवार को उल्लेखनीय योगदान के लिए फैकल्टी के छह सदस्यों को लाइफ एचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
दीक्षांत समारोह में 1100 से अधिक विद्यार्थियों को उपाधि और उनमें से 90 को उत्कृष्टता पदक प्रदान किए गए।
इस अवसर पर केन्द्रीय स्वास्थ्य तथा परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि दिल्ली, एम्स आजाद भारत की पहली स्वास्थ्य मंत्री रही राजकुमारी अमृत कौर की देन है।
उन्होंने सामान्य भारतीयों के लिए विश्व स्तरीय चिकित्सा शिक्षा प्रदान करने की अपनी इच्छा के अनुरूप विदेशों और अंतरराष्ट्रीय भागीदारों से राशि प्राप्त करने के प्रयास किए, ताकि इस संस्थान के लिए राशि की कमी दूर की जा सके।
साल 1961 तक एम्स ने वैश्विक प्रतिष्ठा हासिल कर ली थी।
राजकुमारी अमृत कौर के नवाचार और साहस से हमें बहुत कुछ सीखना होगा।
यही एम्स का डीएनए बना हुआ है। कोविड के जारी संकट के दौरान संस्थान के योगदान की प्रशंसा करते हुए डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि एम्स ने रोगियों की देखभाल, अनुसंधान और शिक्षा में बड़ा योगदान दिया है।
अब जब हम भीतर से हिला देने वाली महामारी से उबर रहे हैं तो हमें एम्स द्वारा प्रतिदिन कोरोना के खिलाफ किए गए संघर्ष को अवश्य याद रखना होगा।
मुख्य अतिथि के रूप में विश्व स्वास्थ्य संगठन दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र कार्यालय की क्षेत्रीय निदेशक पूनम खेत्रपाल सिंह ने विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि मैं जीवन के इस मुकाम पर पहुंचने के लिए विद्यार्थियों और रेजिडेंट्स को हार्दिक बधाई देती हूं।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य में निवेश लागत नहीं, अपितु निवेश होता है।
महामारी ने हमें दिखा दिया है कि जन-स्वास्थ्य में निवेश सतत् विकास को बढ़ावा देने के लिए अत्यंत प्रभावी तरीकों में से एक है।
अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि किसी डॉक्टर का मानवता की सेवा आदर्श जीवन होता है।
इसके लिए वह कष्ट और दर्द दूर करने में अपनी क्षमता के अनुसार हरसंभव प्रयास करता है।
इस अवसर पर स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे भी उपस्थित रहे।