रांची: BJP MLA दल के नेता बाबूलाल मरांडी के दल-बदल से जुड़े मामले में झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) के न्यायाधीश (Judge) जस्टिस राजेश शंकर की अदालत में मंगलवार को फैसला सुनाया जाएगा।
5 जनवरी को दोनों पक्षों की ओर से बहस पूरी होने के बाद अदालत ने इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
अब अदालत क्या फैसला सुनाता है, इसपर बाबूलाल और दीपिका पांडेय का राजनीतिक भविष्य (Political Future) टिका हुआ है।
बाबूलाल मरांडी (Babulal Marandi) की ओर से वरीय अधिवक्ता बीपी सिंह, अभय मिश्रा और विनोद साहू ने पक्ष रखा।
विधानसभा की तरफ से अधिवक्ता अनिल कुमार और दीपिका पांडे की तरफ से अधिवक्ता सुमित गड़ोडिया ने बहस की ही।
बाबूलाल मरांडी और प्रदीप यादव के मामले में अलग-अलग तरीके से सुनवाई हो रही है
पूर्व की सुनवाई में झारखंड विधानसभा की ओर से सुप्रीम कोर्ट (SC) व अन्य हाइकोर्ट के जजमेंट को प्रस्तुत किया गया था।
कहा गया कि स्पीकर के न्यायाधिकरण में जब तक कोई आदेश बाबूलाल मरांडी के मामले में न हो जाये तब तक झारखंड हाई कोर्ट इस रिट को नहीं सुन सकता है।
यह याचिका मेंटेनेबल नहीं है, इसलिए इसे खारिज कर देना चाहिए।
संविधान की दसवीं अनुसूची के तहत स्पीकर का न्यायाधिकरण किसी विधायक को डिसक्वालीफाई करने के निर्णय लेने में सक्षम है। हाइकोर्ट (HC) इसमें इंटरफेयर नहीं कर सकता है।
यह भी कहा गया था कि किसी राजनीतिक दल का विलय करना या न करना यह विधानसभा अध्यक्ष के अधिकार क्षेत्र में आता है।
वहीं याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया था कि बिना गवाही कराये ही स्पीकर के न्यायाधिकरण ने फैसला सुरक्षित रखा है।
स्पीकर (Speaker) के न्यायाधिकरण में बाबूलाल मरांडी और प्रदीप यादव के मामले में अलग-अलग तरीके से सुनवाई हो रही है, जो अनुचित है।