रांची: राज्य के पुलिस महानिदेशक (DGP) नीरज सिन्हा ने गुरुवार को पुलिस मुख्यालय (Police Headquarters) में तिरंगा झंडा फहराया।
मौके पर DGP ने कहा कि गणतंत्र दिवस (Republic Day) हमारे देश की एकता और अखंडता को भी परिभाषित करता है। हम अपनी इसी एकता की वजह से एक मजबूत राष्ट्र के रूप में जाने जाते हैं।
DGP ने कहा कि वर्ष 2022 में झारखंड पुलिस (Jharkhand Police) द्वारा नक्सलियों के विरुद्ध कई कारगर अभियान चलाए गए हैं। पुलिस एवं नक्सलियों के बीच 30 बार मुठभेड़ हुई है।
कुल 430 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें दो सैक सदस्य, पांच जोनल कमाण्डर, 10 सब जोनल कमांडर और 18 एरिया कमांडर की गिरफ्तारी की गयी है।
इसके अलावा 57 पुलिस हथियार, 24 रेगुलर हथियार, 108 देशी हथियार, 16848 कारतूस, 984 लैण्डमाईन्स, 625.66 विस्फोटक पदार्थ जिलेटीन और 468 डेटोनेटर बरामद किये गये।
राज्य में झारखंड ऑनलाइन FIR सिस्टम प्रारंभ किया गया है
उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त कुल 99.42 लाख रुपये की लेवी राशि भी बरामद की गयी। नक्सलियों को समाज की मुख्य धारा में लाने के लिए राज्य सरकार की बनाई गई आत्मसमर्पण (Surrender) और पुनर्वास नीति का सकारात्मक पहलू रहा है कि कुल 22 नक्सली आत्मसमर्पण भी कर चुके हैं।
DGP ने बताया कि आतंकवाद निरोधी दस्ता ने संगठित आपराधिक गिरोह के 17 अपराधियों, 02 उग्रवादियों एवं PLFI उग्रवादी संगठन (PLFI Militant Organization) के एक उग्रवादी को गिरफ्तार किया गया है। साथ ही 35 आग्नेयास्त्र, 66 लाख रुपये नकदी बरामद किया गया है।
उन्होंने बताया कि राज्य में झारखंड ऑनलाइन FIR सिस्टम प्रारंभ किया गया है। अब तक कुल 112269 मामले प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 92070 मामलों का निष्पादन किया जा चुका है। कुल 20199 मामले लंबित है एवं 2986 मामलों में प्राथमिकी दर्ज (FIR) की गयी है।
इस अवसर पर पुलिस मुख्यालय के कई अधिकारी मौजूद थे
DGP ने बताया कि पुलिस ने मादक द्रव्य के विरुद्ध कार्रवाई कर 7.243 किलो अफीम, 8.225 किलो गांजा, 0.218 किलो ब्राउन शुगर तथा 3,25,000 रुपये नकदी जब्त किया गया है।
मामले में 22 आरोपितों को गिरफ्तार भी किया गया है। इसके अलावा 203.35 एकड़ भूमि में अवैध अफीम की खेती को विनष्ट किया गया है। इस अवसर पर पुलिस मुख्यालय के कई अधिकारी मौजूद थे।
उल्लेखनीय है कि इसी अवधि में झारखंड पुलिस ने 30 से अधिक वर्षों से नक्सलियों के अभेद दुर्ग रहे बूढ़ा पहाड़ से न सिर्फ नक्सलियों को खदेड़ दिया, बल्कि वहां पुलिस के पिकेट्स बनाकर और समय-समय पर सामुदायिक पुलिसिंग के तहत लोगों से जुड़ने का कार्य भी किया, जिसे राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया है।